Indian stock market: आज फिर लाल निशान में खुला भारतीय शेयर बाजार
Summary : कमजोर वैश्विक संकेतों का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ने लगा है, जिसके चलते बुधवार को भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत लाल निशान से हुई। आज सुबह 9: 40 बजे सेंसेक्स 356 अंकों की गिरावट के साथ 73,870 और निफ्टी 129 अंकों की गिरावट के साथ 22,405 पर रिकॉर्ड किया
मुंबईः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ बम का असर पूरी दुनिया पर दिखने लगा है। दुनिया के अनेकों शेयर बाजार धड़ाम हो चुके हैं। मार्केट में कई सेक्टर के शेयर की बिकवाली बुरी तरह से प्रभावित हुई है। ऐसे में कमजोर वैश्विक संकेतों का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा है, जिसके चलते बुधवार को भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत लाल निशान से हुई। आज सुबह 9: 40 बजे सेंसेक्स 356 अंकों की गिरावट के साथ 73,870 और निफ्टी 129 अंकों की गिरावट के साथ 22,405 पर रिकॉर्ड किया गया।
आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी गिरावट बनी हुई है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 539 अंक या 1.08 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 49,298 अंकों पर था, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 165 अंक या 1.07 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15,223 पर रिकॉर्ड किया गया। सेक्टोरल फ्रंट पर ऑटो, एफएमसीजी, कंजम्पशन इंडेक्स हरे निशान पर थे। यही नहीं, आईटी, पीएसयू बैंक, फार्मा, मेटल, रियल्टी, इंफ्रा और कमोडिटीज में लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। हालांकि, सेंसेक्स पैक में पावर ग्रिड, नेस्ले, एचयूएल, एमएंडएम, आईटीसी, एशियन पेंट्स और भारती एयरटेल आदि के शेयर टॉप गेनर्स में शामिल थे। दूसरी तरफ मारुति सुजुकी, बजाज फिनसर्व, टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, इंफोसिस, एचसीएल टेक, इटरनल, टीसीएस और सन फार्मा के शेयर टॉप लूजर्स की लिस्ट में थे।
आर्थिक विश्लेषकों ने आज भी बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने की आशंका व्यक्त की है, क्योंकि आज साप्ताहिक डेरिवेटिव एक्सपायरी है। एफपीआई ने साप्ताहिक एक्सपायरी से पहले कल इंडेक्स ऑप्शन खरीदे थे, जो आज बाजार में अस्थिरता बढ़ने की आशंका को दिखा रहा है। भारत समेत प्रमुख एशियाई बाजारों में बिकवाली देखी गई। भारत के अलावा टोक्यो, हांगकांग और सियोल में भी शेयर मार्केट लाल निशान में चल रहे हैं। मंदी की आशंका के चलते मंगलवार को अमेरिकी बाजार भी लाल निशान पर बंद हुए थे। इसकी सबसे बड़ी वजह पिछले सप्ताह चीन द्वारा घोषित 34 प्रतिशत टैरिफ के जवाब में अमेरिका की ओर से चीन से आयात पर अतिरिक्त 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का निर्णय है। अब चीन से होने वाले आयात पर अमेरिकी टैरिफ 104 प्रतिशत हो जाएगा। अब चिंता जाहिर की जा रही है कि ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ ने मंदी की आशंकाओं को अधिक बढ़ा दिया है और यह अमेरिकी बाजारों में लगातार हो रही गिरावट की अहम वजह है।
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