मुंबईः पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड यानी सेबी ने ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने को लेकर कड़ी चेतावनी जारी कर दी है। सेबी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि ये प्लेटफॉर्म सेबी के नियामक निरीक्षण के तहत काम नहीं करते हैं। यहां तक कि प्रतिभूति कानूनों के तहत निवेशकों को कोई सुरक्षा भी प्रदान नहीं करते हैं। ऐसे में सलाह दी गई है कि कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, जिन्हें 'ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म' कहा जाता है, यूजर्स को 'हां या ना' के इवेंट के परिणामों पर ट्रेड करने की अनुमति तो जरूर देते हैं, लेकिन इस प्लेटफॉर्म पर होने वाला भुगतान इस बात पर निर्भर करता है कि कोई निश्चित घटना होती है या नहीं।
सेबी ने कहा कि बाजार नियामक के मुताबिक 'ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म' के नाम वाले कुछ प्लेटफॉर्म अपने यूजर्स को व्यापार करने और व्यापार से जुड़ी किसी व्यवस्था में प्रवेश करने के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान करते हैं, जिसमें भुगतान अंतर्निहित घटना के होने या न होने के 'हां या नहीं' प्रस्ताव के परिणाम पर निर्भर करता है। ये प्लेटफॉर्म अक्सर 'प्रॉफिट', 'स्टॉप लॉस' और 'ट्रेडिंग' जैसे फाइनेंशियल शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, जिससे यह आभास होता है कि वे वैध निवेश प्लेटफॉर्म हैं। उदाहरण के लिए, यूजर्स किसी ऐसे सवाल या मुद्दे को लेकर ट्रेड कर सकते हैं कि किसी खेल में कोई टीम जीतेगी या नहीं, या कोई विशेष राजनीतिक निर्णय लिया जाएगा या नहीं। यह अत्यंत जोखिम भरा निवेश माना जाता है।
सेबी के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि ओपिनियन ट्रेडिंग उसके विनियामक ढांचे के अंतर्गत नहीं हैं, क्योंकि जिस चीज का व्यापार किया जा रहा है, उसे भारतीय कानूनों के तहत प्रतिभूति नहीं माना जाता है। परिणामस्वरूप, ऐसे प्लेटफॉर्म के यूजर्स किसी भी निवेशक सुरक्षा या कानूनी सुरक्षा उपायों का लाभ नहीं उठा सकते हैं, जो विनियमित प्रतिभूति बाजारों पर लागू होते हैं। सेबी की तरफ से निवेशकों को दी गई सलाह में कहा गया है कि निवेशकों एवं प्रतिभागियों को पता होना चाहिए कि प्रतिभूति बाजार के दायरे में ऐसे निवेश एवं भागीदारी के लिए निवेशक सुरक्षा तंत्र उपलब्ध नहीं होगा। ये प्लेटफॉर्म मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज नहीं हैं और बाजार नियामक से पंजीकृत या विनियमित भी नहीं होते हैं। यदि उसके बाद भी व्यापार किया जा रहा है, तो कोई भी 'ओपिनियन' प्रतिभूति की परिभाषा के अंतर्गत है, तो ऐसा व्यापार अवैध होगा और इसमें शामिल प्लेटफॉर्म के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
सेबी ने मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों को भी कड़ी चेतावनी दी है, जिसके अनुसार इस तरह के उल्लंघनों का मामला सामने आने पर उचित कार्रवाई की जाएगी। इस चेतावनी का उद्देश्य लोगों को यह बताना है कि सेबी इन प्लेटफॉर्म को विनियमित नहीं करता है और इन पर किया गया कोई भी निवेश पूरी तरह से निवेशक के अपने जोखिम पर है। सेबी ने बताया कि कुछ प्लेटफॉर्म के 'स्किल-बेस्ड एंगेजमेंट' को बढ़ावा देने के दावे के बावजूद, 'ओपिनियन ट्रेडिंग' जुए की तरह काम करते हैं। नियामक ने निवेशकों से सतर्क रहने और ऐसे प्लेटफॉर्म के तुरंत रिटर्न के वादे से गुमराह न होने का आग्रह किया।
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