Deputy Governor of RBI: पूनम गुप्ता ने संभाला आरबीआई के डिप्टी गवर्नर का पदभार

खबर सार : -
डॉ. पूनम गुप्ता ने आरबीआई के डिप्टी गवर्नर का पदभार ग्रहण कर लिया है। वह केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति यानी एमपीसी का हिस्सा होंगी। डिप्टी गवर्नर बनने से पूर्व डॉ. गुप्ता नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) के महानिदेशक के रूप में काम कर चुकी हैं।

खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक की नई डिप्टी गवर्नर डॉ. पूनम गुप्ता ने अपना पदभार संभाल लिया है। उन्होंने बड़ी ही सादगी के साथ कार्यालय पहुंचकर सारी प्रक्रियाओं को पूरा करने के साथ ही काम शुरू कर दिया है। वे केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति यानी एमपीसी का हिस्सा होंगी। केंद्र सरकार ने पूनम गुप्ता को 2 अप्रैल 2025 को डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया था। अब अगले तीन वर्ष या अगले आदेश तक पूनम गुप्ता डिप्टी गवर्नर के पद पर बनी रहेंगी।

एनसीएईआर के महानिदेशक के रूप में कर चुकी हैं काम

वैश्विक आर्थिक चुनौतियों और उतार-चढ़ाव वाली मुद्रास्फीति दरों के बीच डॉ. पूनम गुप्ता की विशेषज्ञता को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आरबीआई की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, डिप्टी गवर्नर के रूप में पूनम गुप्ता मौद्रिक नीति विभाग, वित्तीय बाजार परिचालन विभाग, आर्थिक और नीति अनुसंधान विभाग, वित्तीय स्थिरता विभाग, अंतरराष्ट्रीय विभाग, सांख्यिकी और सूचना प्रबंधन विभाग, कॉर्पोरेट रणनीति एवं बजट विभाग और संचार विभाग का कार्यभार संभालेंगी। डिप्टी गवर्नर बनने से पूर्व डॉ. गुप्ता नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) के महानिदेशक के रूप में काम कर चुकी हैं, जो आर्थिक विकास, इंटरनेशनल फाइनेंशियल आर्किटेक्चर, केंद्रीय बैंकिंग, मैक्रो आर्थिक स्थिरता, सार्वजनिक ऋण और राज्य वित्त से संबंधित मुद्दों को देखते हैं। इनके पास प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य और 16वें वित्त आयोग की सलाहकार परिषद के संयोजक के रूप में काम करने का भी अनुभव है। यही नहीं, एनसीएईआर में शामिल होने से पहले, डॉ. गुप्ता ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक में लगभग दो दशकों तक वरिष्ठ पदों पर काम कर चुकी हैं।

 ये उपलब्धियां भी शामिल

डॉ. पूनम गुप्ता ने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड में भी पढ़ाने और भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आईएसआई), दिल्ली में विजिटिंग फैकल्टी के रूप में काम कर चुकी हैं। वे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी में आरबीआई चेयर प्रोफेसर और इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशंस में प्रोफेसर रह चुकी हैं। डॉ. गुप्ता के कई शोध पत्र भी प्रकाशित हुए हैं, जिसमें एक संपादित पुस्तक “इमर्जिंग जायंट्स: चाइना एंड इंडिया इन द वर्ल्ड इकोनॉमी” भी शामिल है। जहां तक शैक्षणिक उपलब्धियों की बात है, तो डॉ. पूनम गुप्ता ने यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड, यूएस से अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री और पीएचडी की है। इसके साथ ही दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री की है।

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