KSE Crash: 'ऑपरेशन सिंदूर' से पाकिस्तान के शेयर बाजार धड़ाम,ट्रेडिंग पर रोक

खबर सार : -
भारत और पाकिस्तान की सीमा पर तनाव बढ़ने का असर वहां की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है। 22 अप्रैल को पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद से 08 मई के बीच पाकिस्तान के शेयर मार्केट में बुरी तरह से गिरावट आई है। यहां तक की गुरुवार को शुरुआती कारोबार में जब 06 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी तो ट्रेडिंग को बंद कर दिया गया।

खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों के 09 कैंपों को 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए तबाह कर दिया है। भारत के एक्शन से पाकिस्तानी सरकार और सेना बुरी तरह से बौखला गई है। आम जनता में दहशत का माहौल है, लोग जान बचाने के लिए भागते नजर आ रहे हैं। भारतीय सेना के लगातार ऐक्शन से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। पाकिस्तान के शेयर बाजार में गुरुवार को 06 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी गई है। इसलिए यहां ट्रेडिंग की प्रक्रिया को बीच में ही रोक दिया गया है।  

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद से लगातार पाकिस्तान के शेयर बाजार में गिरावट देखी जा रही है। यहां का मुख्य सूचकांक कराची स्टॉक एक्सचेंज 100 इंडेक्स यानी केएसई-100 22 अप्रैल से 08 मई के बीच करीब 13 प्रतिशत फिसल चुका है। आंकड़ों पर गौर करें, तो पहलगाम हमले के पूर्व केएसई-100 इंडेक्स 1,18,430 पर था, जो अब गिरकर 1,03,060 पर आ गया है। यही नहीं, हम अगर अन्य पाकिस्तानी स्टॉक इंडेक्स की बात करें, तो केएसई-30 भी अब तक 14.3 प्रतिशत नीचे लुढ़क चुका है।

पाकिस्तान के पास मात्र 15 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार

भारत और पाकिस्तान दोनों देशों को भले ही आजादी एक ही समय में मिली लेकिन आज दोनों देशों के हालात में बहुत अंतर है। आज भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के करीब है, वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान का शेयर बाजार वहां की अर्थव्यवस्था की बदहाली की तस्वीर बयां कर रहा है। पाकिस्तान के पास केवल 15 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है। यह देश आर्थिक पतन की कगार पर पहुंच चुका  है। पाकिस्तान को अपने देश को चलाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से लोन और दुनिया के अन्य बड़े मुल्कों से उधार लेना पड़ रहा है।

आतंकी हमले के बाद से भारत सरकार ने सैन्य कार्रवाई करने के साथ ही चारों तरफ से पाकिस्तान को घेरने का काम किया है। इसमें प्रमुख रूप से सिंधु जल समझौता को स्थगित करना शामिल है, जिससे पाकिस्तान को आर्थिक तौर पर काफी चोट पहुंची है। पाकिस्तान की बड़ी आबादी और इंडस्ट्रियल एरिया को पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारत ने पड़ोसी देश पर बड़ी सैन्य कार्रवाई की। इसमें 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में आतंकवादी मारे गए हैं। भारतीय सेना के शौर्य से पूरे पाकिस्तान में आतंकवादियों में दहशत का माहौल है।

 

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