नई दिल्लीः ग्लोबल मार्केट में उहापोह की स्थिति बने होने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था अन्य देशों के मुकाबले बेहतर स्थिति में है। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने वैश्विक ‘टैरिफ वार’ से जुड़ी 'गंभीर' चिंताओं को ध्यान में रखते हुए भारत की आर्थिक वृद्धि दर को लेकर नया आंकड़ा जारी कर दिया है। फिच रेटिंग्स ने वर्ष 2025-26 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.4 फीसदी कर दिया है, जबकि अगले वित्त वर्ष के लिए रेटिंग एजेंसी ने अपने अनुमानों को बरकरार ही रखा गया है।
फिच रेंटिंग्स कंपनी की ओर से गुरुवार को एक वैश्विक आर्थिक परिदृश्य (जीईओ) का अपने विशेष तिमाही अपडेट में कहा गया है कि अमेरिकी व्यापार नीति के बारे में पूरे विश्वास के साथ कुछ भी कहना मुश्किल है। व्यापक स्तर पर नीति संबंधी अनिश्चितताएं व्यापार और निवेश की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा रही हैं। शेयर बाजार की कीमतों में गिरावट से घरेलू संपत्ति कम हो रही है। ऐसे में निश्चित तौर पर अमेरिकी निर्यातकों को जवाबी कार्रवाई का सामना भी करना पड़ सकता है। फिच रेटिंग्स ने वर्तमान वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी में वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.4 फीसदी कर दिया है। फिच ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत समेत दुनिया के अनेकों देशों पर लगाया जाने वाला अंधाधुंध व्यापार शुल्क लागू करने से वैश्विक व्यापार युद्ध में बढ़ोत्तरी के बीच ताजा आंकड़े जारी किए हैं। फिच ने अपने मार्च जीईओ से 2025 में विश्व विकास अनुमानों में 0.4 फीसदी अंकों की कटौती की तथा चीन और अमेरिका की वृद्धि में 0.5 फीसदी अंकों की कटौती की गई है।
फिच रेटिंग्स ने विश्व विकास के पूर्वानुमानों को भी कम कर दिया है। एजेंसी ने इस वर्ष विश्व विकास दर दो फीसदी से नीचे आने का अनुमान जताया है। कोरोना महामारी और उसके आस-पास के समय को छोड़ दें तो यह वर्ष 2009 के बाद से अब तक भारत की सबसे कमजोर वैश्विक विकास दर होगी। भारत के बारे में फिच ने वित्त वर्ष 2024-25 और चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी वृद्धि दर के अनुमानों में 10 आधार अंकों की कटौती करके क्रमश: 6.2 फीसदी और 6.4 फीसदी कर दिया है, जबकि वित्त वर्ष 2026-27 के लिए आर्थिक वृद्धि दर पहले की तरह 6.3 फीसदी पर बरकरार रखी गई है।
फिच रेटिंग्स में यह भी बताया गया है कि अमेरिका की जीडीपी वृद्धि दर वर्ष 2025 तक 1.2 फीसदी पर सकारात्मक रहने की उम्मीद है। एक अनुमान के अनुसार चीन की वृद्धि दर इस वर्ष और अगले वर्ष दोनों में 4 फीसदी से नीचे रहने की उम्मीद है, जबकि यूरोजोन में वृद्धि एक फीसदी से काफी नीचे अटकी रह सकती है।
अन्य प्रमुख खबरें
टैरिफ पर ट्रंप के नए फैसले से भारत से मसालों, चाय और काजू का निर्यात बढ़ेगा
चीनी पटाखों की तस्करी पर डीआरआई की बड़ी कार्रवाई, पांच करोड़ के पटाखे जब्त
बाजार की मजबूत शुरुआत, हरे निशान में सेंसेक्स और निफ्टी
गुजरात में इंडियन ऑयल ने शुरू किया कच्चे तेल का उत्पादन
Tata Sierra Price: ट्रिपल स्क्रीन और धांसू डिजाइन...सामने आया 'टाटा सिएरा' का न्यू मॉडल, जानें कीमत
एफआईआई की बिकवाली 13,925 करोड़ रुपए के पार
दुनिया का छठा सबसे बड़ा पेटेंट फाइलर बना भारत, आंकड़ा पहुंचा 64,000 के पार : डॉ. जितेंद्र सिंह
अमेरिकी टैरिफ के बाद भी भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा : मूडीज
कमजोर वैश्विक संकेतों से भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ खुला
सपाट कारोबार के साथ शेयर बाजार का अंत
रिसर्च को 'लग्जरी' नहीं, राष्ट्रीय जरूरत के रूप में देखेंः नारायण मूर्ति
एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन से एमएसएमई को मिलेगा बढ़ावा: पीएम मोदी
हल्की गिरावट के साथ खुला भारतीय शेयर बाजार, मेटल शेयरों में जोरदार तेजी
Stock Market: बिहार Exit Poll में NDA की 'प्रचंड जीत' से शेयर बाजार हुआ गुलजार
यूबीएस रिपोर्टः 2026 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कंज्यूमर मार्केट बन जाएगा भारत