FII Investment: भारतीय शेयर बाजारों में महीनों की बिकवाली के बाद विदेशी निवेशकों का भरोसा फिर से बढ़ता नजर आ रहा है। एनएसडीएल के आंकड़ों के अनुसार, 7 अक्टूबर से 14 अक्टूबर के बीच, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पिछले सात कारोबारी सत्रों में से पांच में शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने सेकेंडरी मार्केट में 3,000 करोड़ रुपए से अधिक के शेयर खरीदे है। आंकड़ों के अनुसार, प्राइमरी मार्केट में उनकी खरीदारी और अधिक रही और यह 7,600 करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर गई।
एनएसई के प्रोविजनल डेटा के अनुसार एफआईआई ने 15 अक्टूबर को अपनी खरीदारी का सिलसिला जारी रखा और 162 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे। खरीदारी में यह नई दिलचस्पी प्रमुख बाजार सूचकांकों में लगातार बढ़ोतरी के साथ देखने को मिली है। आंकड़ों में अक्टूबर की शुरुआत से, सेंसेक्स और निफ्टी दोनों सूचकांकों में लगभग 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि बीएसई मिडकैप सूचकांक 3.4 प्रतिशत और स्मॉलकैप सूचकांक 1.7 प्रतिशत बढ़ा है। फॉरन फंड फ्लो में अचानक बदलाव ने कई बाजार पर्यवेक्षकों को आश्चर्यचकित कर दिया है। कुछ विश्लेषक इसे अल्पकालिक उछाल के रूप में देखते हैं, जबकि अन्य का मानना है कि यह कॉर्पोरेट आय की बेहतर संभावनाओं और भारत में स्थिर आर्थिक स्थितियों को दर्शाता है। यह बदलाव इस वर्ष की शुरुआत में देखी गई भारी निकासी के बिल्कुल विपरीत है।
आंकड़ों पर गौर करें, तो इस वर्ष जनवरी से सितंबर तक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सेकेंडरी मार्केट में 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के शेयर बेचे। यह तब हुआ जब भारतीय रिजर्व बैंक और सरकार ने विकास को समर्थन देने के लिए कई कदम उठाए, जिनमें जीएसटी रेट कट, जून में रेपो दर में भारी कमी और एसएंडपी द्वारा भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग में सुधार शामिल है। उस दौरान, भारतीय बाजार वैश्विक प्रतिस्पर्धियों से पिछड़ गए।
भारतीय शेयर बाजार में सेंसेक्स और निफ्टी में केवल लगभग 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक क्रमशः 3 प्रतिशत और 4 प्रतिशत गिरे। वर्तमान में बढ़ते अमेरिका-चीन तनाव के बीच भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की उम्मीदों से माहौल सुधर रहा है। इस महीने के अंत में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद भी आशावाद को बढ़ावा दे रही है, क्योंकि इससे उभरते बाजारों और कमोडिटी में अधिक लिक्विडिटी आ सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि कमजोर रुपए, अपेक्षाकृत मामूली मूल्यांकन और वित्त वर्ष 26 की दूसरी छमाही में निफ्टी कंपनियों की आय में दोहरे अंकों में वृद्धि की उम्मीदों के कारण भारत वैश्विक निवेशकों के लिए एक आकर्षक निवेश स्थल बना हुआ है।
अन्य प्रमुख खबरें
शेयर बाजार में जोरदार तेजी, सेंसेक्स में 419 अंकों का उछाल
आईएमएफ का वृद्धि अनुमान बढ़ाना भारत की आर्थिक मजबूती का प्रमाणः पीयूष गोयल
भारत का नेशनल एआई इकोसिस्टम फाइनेंस सेक्टर में प्रवेश की बाधाओं को कम करने में सहायक : रिपोर्ट
शेयर बाजार में तेजी का रुख, सेंसेक्स और निफ्टी उछले
सर्राफा बाजार में रिकॉर्डतोड़ तेजी जारी, नए शिखर पर सोना और चांदी
ग्लोबल मार्केट से मिले-जुले संकेत, एशिया में तेजी का रुख
अब जापान में भी यूपीआई से पेमेंट, भारतीय पर्यटक को मिलेगी विशेष सुविधा
ईपीएफओ सदस्य अब पीएफ खाते से निकाल सकेंगे पूरा पैसा
सर्राफा बाजार में तेजी का सिलसिला जारी, नए शिखर पर सोना और चांदी
चांदी की कीमतें 52.50 डॉलर प्रति औंस के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंची
ग्लोबल मार्केट से पॉजिटिव संकेत, एशिया में मिला-जुला कारोबार
हरे निशान में खुला शेयर बाजार, सेंसेक्स 82,517 अंकों के पार
शेयर बाजार में शीर्ष 10 में से 8 कंपनियों का मूल्यांकन 1.94 लाख करोड़ रुपए बढ़ा
लाल निशान में खुला भारतीय शेयर बाजार, सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट