ट्रेड डील भरोसे और रिश्तों की बुनियाद पर टिकती है, सिर्फ टैरिफ पर नहीं : पीयूष गोयल

खबर सार :-
पीयूष गोयल के अनुसार, ट्रेड डील का अर्थ सिर्फ आर्थिक लेन-देन नहीं बल्कि आपसी भरोसे और साझेदारी का निर्माण है। भारत अपनी युवा शक्ति, डिजिटल प्रगति और सांस्कृतिक मूल्यों के सहारे दीर्घकालिक विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है। मंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत की अर्थव्यवस्था न केवल मजबूत हो रही है बल्कि वह वैश्विक भरोसे की मिसाल भी बनेगी।

ट्रेड डील भरोसे और रिश्तों की बुनियाद पर टिकती है, सिर्फ टैरिफ पर नहीं : पीयूष गोयल
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नई दिल्लीः केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि ट्रेड डील केवल टैरिफ या वस्तुओं एवं सेवाओं की पहुंच का समझौता नहीं होती, बल्कि यह देशों के बीच रिश्तों, भरोसे और दीर्घकालिक साझेदारी की नींव पर आधारित होती है। वे बर्लिन ग्लोबल डायलॉग (BGD) में बोल रहे थे, जहां उन्होंने भारत की आर्थिक प्रगति, युवाओं की भूमिका और सांस्कृतिक मूल्यों पर भी विस्तार से चर्चा की।

ट्रेड डील सिर्फ व्यापार नहीं, भरोसे का प्रतीक

गोयल ने कहा कि किसी भी ट्रेड डील का उद्देश्य केवल व्यापारिक लाभ नहीं बल्कि दोनों देशों के बीच विश्वास कायम करना है। ट्रेड डील लंबे समय के लिए होती हैं। ये दिखाती हैं कि दोनों देश एक-दूसरे पर भरोसा कर सकते हैं और व्यवसाय सुरक्षित रहेंगे। ऐसे समझौते लोकतांत्रिक देशों में कानून के शासन और निष्पक्ष अवसरों की गारंटी देते हैं। मंत्री ने स्पष्ट किया कि टैरिफ से परे जाकर यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि साझेदारी समानता और स्थिरता पर आधारित हो।

भारत की युवा शक्ति और डिजिटल डिविडेंड

पीयूष गोयल ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी ताकत उसकी युवा जनसंख्या है। उन्होंने बताया कि भारत की औसत उम्र मात्र 28 वर्ष है, जो दुनिया में सबसे कम में से एक है। हमारे देश के युवा इंटरनेट से जुड़े हुए हैं। हमारे पास एक अरब इंटरनेट यूजर्स हैं। यह कनेक्टिविटी युवाओं को नई टेक्नोलॉजी, नई भाषाएं और नए अवसर अपनाने की दिशा में प्रेरित कर रही है। यह डिजिटल क्रांति भारत के विकास की असली धुरी बन चुकी है।

भारत की आर्थिक ताकत और भविष्य की दिशा

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था भले ही वर्तमान में 4 ट्रिलियन डॉलर की हो, लेकिन परचेजिंग पावर पैरिटी (PPP) के आधार पर यह पहले से ही 15 ट्रिलियन डॉलर के करीब है। उन्होंने कहा कि बढ़ती सैलरी, बेहतर रहन-सहन और उच्च जीवन-स्तर भारतीय समाज के सपनों को नई ऊंचाई दे रहे हैं। गोयल ने विश्वास जताया कि भारत आने वाले 20-25 वर्षों तक दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा।

संस्कृति और विकास का संतुलन जरूरी

केंद्रीय मंत्री ने अपने संबोधन के आखिर में कहा कि किसी भी देश की प्रगति उसकी संस्कृति और विरासत से जुड़ी होती है। कोई भी देश जो अपनी संस्कृति को छोड़ देता है, वह कभी सफल नहीं हो सकता। विकास उतना ही जरूरी है जितना कि हमारी परंपराएं और मूल्य।

 

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