Morgan Stanley Report: भारतीय अर्थव्यवस्था को मिला 'मॉर्गन स्टेनली' का सपोर्ट, वित्त वर्ष 2026 में 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान

खबर सार :-
भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से विकास कर रही है। ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज फर्म मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट ने इस बात की पुष्टि कर दी है। रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2026 में भारत की विकास दर 6.1 प्रतिशत और 2027 में 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था पूरी दुनिया के लिए अध्ययन का विषय बनती जा रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह वैश्विक मंदी का दौर होने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था का समान गति से आगे बढ़ रही है। ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने बुधवार को भारत के विकास दर अनुमान को अपग्रेड कर दिया है, जिसके अनुसार वित्त वर्ष 2026 के लिए 6.2 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2027 के लिए 6.5 प्रतिशत कर दिया गया है। वित्तीय फर्म ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि बाहरी अनिश्चितता के बीच घरेलू अर्थव्यवस्था मजबूत होने के कारण देश तेजी से आर्थिक विकास कर रहा है।

2026-27 के लिए जारी किया अनुमान

मॉर्गन स्टेनली ने भारत की विकास दर वित्त वर्ष 2026 के लिए 6.1 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2027 के लिए 6.3 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया था। ग्लोबल ब्रोकरेज ने अपने नोट में लिखा कि हमें उम्मीद है कि बाहरी कारकों से अनिश्चितता के बीच घरेलू मांग में मजबूती से विकास की रफ्तार तेज बनी रहेगी। मौद्रिक नीति में नरमी के जरिए नीतिगत समर्थन जारी रहेगा। इसके साथ ही सरकार की ओर से पूंजीगत व्यय पर आगे भी ध्यान दिया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार आने वाले वर्षों में शहरी मांग में सुधार होगा और ग्रामीण मांग पहले के मुकाबले मजबूत होगी। इससे उपभोग का स्तर भी सुधरेगा। खाद्य महंगाई में कमी और मुख्य मुद्रास्फीति के सीमित दायरे में रहने के ट्रेंड के कारण हेडलाइन महंगाई दर में नरमी बनी रहेगी।

खाद्य वस्तुओं की कीमतों में भी कमी के संकेत

ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि 2025 में सामान्य से अधिक मानसून के कारण फसलों के उत्पादन में बढ़ोत्तरी होगी। इससे खाद्य की कीमतों में नरमी जारी रहेगी। महंगाई दर अगले कुछ महीनों में 4 प्रतिशत से कम हो जाएगी। इसके बाद वित्त वर्ष 2026 में भी औसत महंगाई दर 4 प्रतिशत तक ही रह सकती है। वित्त वर्ष 2027 में औसत महंगाई दर में बढ़ोत्तरी होने और आंकड़ा 4.1 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान लगाया है। यह भी कहा कि ग्रोथ आउटलुक के लिए जोखिम संतुलित बना हुआ है। क्रॉस-कंट्री ट्रेड डील के कारण आउटलुक में भी तेजी से सुधार हो रहा है। अमेरिका की विकास दर में तेजी और ट्रेड एवं उसके टैरिफ को लेकर अनिश्चितता का माहौल बनने के कारण निवेशकों के सेंटीमेंट और पूंजीगत व्यय साइकिल में भी सुधार होगा।

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