नई दिल्लीः भारत के आर्थिक विकास में टियर 2 और टियर 3 शहरों का योगदान लगातार बढ़ रहा है। देश में फूड प्रोससिंग सेक्टर तेजी से बदल रहा है, यह विकास के पथ पर फर्राटे भर रहा है। यह सेक्टर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से वैल्यू चेन में 7 मिलियन से अधिक नौकरियां प्रदान करता है। इसके साथ ही ग्रामीण औद्योगीकरण को सक्षम बनाता है। कृषि क्षेत्र में फसलों की कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करता है।
डेलॉइट और फिक्की ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जिसके अनुसार भारत के कुल ग्रॉस वैल्यू एडेड यानी जीवीए में फूड प्रोसेसिंग सेक्टर की कुल हिस्सेदारी करीब 7.7 प्रतिशत है। यह युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने, ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने और वैल्यू एडिशन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण रोल निभाता है। आंकड़ों पर गौर करें, तो राष्ट्रीय खाद्य बाजार का लगभग 30 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करने वाला एग्रीकल्चर और फूड प्रॉसेसिंग सेक्टर बढ़ती ग्रामीण मांग, डिजिटल प्रगति और मजबूत नीति समर्थन के कारण गति प्राप्त कर रहा है।
इस संबंध में डेलॉइट साउथ एशिया के पार्टनर और कंज्यूमर इंडस्ट्री लीडर आनंद रामनाथन का कहना है कि भारत का कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र एक परिवर्तनकारी छलांग लगाने के लिए तैयार है। यहां ट्रेडिशनल फ्यूचर-रेडी फूड इकोसिस्टम को तैयार करने के लिए कटिंग-एज टेक्नोलॉजी से मिलती है। उपभोक्ता मांग क्लीन-लेबल, प्रोटीन युक्त और पेट के अनुकूल खाद्य पदार्थों की ओर बढ़ रही है, जिससे भारत में भोजन के उपभोग में संरचनात्मक विकास हो रहा है। हालिया स्थिति यह है कि भारत एआई, आईओटी और ब्लॉकचेन में प्रगति से स्वास्थ्य-संचालित, तकनीक-सक्षम और इंक्लूसिव फूड सिस्टम पर विश्व स्तर पर नेतृत्व करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि हमारे सामने केवल एक अरब लोगों को भोजन उपलब्ध कराने का अवसर ही नहीं है, बल्कि उद्देश्य, स्थिरता-मजबूती और बुद्धिमत्ता के साथ इस काम को करने का अवसर भी है।
फिक्की की डायरेक्टर जनरल ज्योति विज ने भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रगति की सराहना की है। उन्होंने बताया कि भारत का खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र आर्थिक विकास को गति दे रहा है, साथ ही यह सेक्टर इंक्लूसिव डेवलपमेंट के कैटेलिस्ट के रूप में अपार परिवर्तनकारी क्षमता रखता है। अब जैसे-जैसे उपभोक्ता प्राथमिकताएं और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक विकल्प फूड सिस्टम को नया आकार दे रहे हैं, वैसे-वैसे मजबूती-स्थिरता, इनोवेशन और वैल्यू एडिशन की जरूरत भी पहले की तुलना में तेजी से बढ़ती जा रही है।
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