INDIA UK MOU: भारत-ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते से चीन को लगा झटका

खबर सार : -
भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच मुक्त व्यापार समझौता होने की वजह से चीन को सबसे अधिक झटका लगा है। भारत और यूके की सरकारें द्विपक्षीय व्यापार समझौते को 2030 तक बढ़ाकर दोगुना करने की दिशा में काम कर रही हैं। इस संबंध में भारतीय स्टेट बैंक की इकॉनमिक रिसर्च रिपोर्ट से जानकारी मिली है।

खबर विस्तार : -


नई दिल्ली: भारत और यूनाइटेड किंगडम ने एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते यानी एफटीए पर हस्ताक्षर किए हैं, जो मात्रा से जुड़े परिमाण में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस समझौते के तहत 90 प्रतिशत टैरिफ लाइनों में कटौती शामिल है। इस संबंध में भारतीय स्टेट बैंक यानी एसबीआई की एक रिसर्च रिपोर्ट में जानकारी दी गई है, जिसके अनुसार एफटीए एक नई वैश्विक व्यापार रणनीति का संकेत देता है, जो चीन पर निर्भरता को दरकिनार कर अमेरिकी टैरिफ को नियंत्रित करता है।

2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य 

एफटीए भारत और यूके के बीच बढ़ते आर्थिक संबंधों की पृष्ठभूमि में बना हुआ है, जैसा कि लगभग 60 बिलियन डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार में उदाहरण दिया गया है, जिसे 2030 तक दोगुना करने का अनुमान है। वर्तमान हालातों पर गौर करें, तो वित्त वर्ष 2025 में भारत के निर्यात ने आयात में 6.1 प्रतिशत की गिरावट के आंकड़े को पीछे छोड़ दिया है। भारतीय स्टेट बैंक के इकोनॉमिक रिसर्च डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के अनुसार, वस्तु, सेवाओं और टेक्नोलॉजी से जुड़ा यह एफटीए समावेशी विकास, मजबूत सप्लाई चेन और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने का प्रयास करता है। यूके के क्षेत्रों जैसे कि आईटी, फाइनेंस, एजुकेशन और उपभोक्ता वस्तुओं में उदारीकरण से कपड़ा, खिलौने, समुद्री उत्पाद और ऑटो घटकों जैसे भारतीय उद्योगों में श्रम-गहन निर्यात क्षमता का पता चलता है, जबकि प्रवासन नीति स्थिर बनी हुई है, यह समझौता चुनिंदा पेशेवर गतिशीलता को सक्षम बनाता है। टेलीकॉम एंड रिन्यूएबल, डिजिटल ट्रेड सुविधा, ग्रीन गुड्स पर जोर, पारस्परिक सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था और क्लास-2 सप्लायर्स के रूप में भारतीय सार्वजनिक खरीद तक यूके की पहुंच मील के पत्थर की विशेषताओं में शामिल हैं।

भारत अन्य देशों के साथ आगे बढ़ा रहा बातचीत

भारत यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, पेरू, श्रीलंका और ओमान के साथ बातचीत को आगे बढ़ा रहा है और दक्षिण कोरिया तथा आसियान के साथ मौजूदा समझौतों की समीक्षा कर रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत-यूके एफटीए महज एक लेन-देन संबंधी समझौता नहीं है, बल्कि 21वीं सदी के व्यापार दर्शन के विकास में एक महत्वपूर्ण क्षण है। भारत ने अपने व्यापारिक साझेदारों के साथ 13 एफटीए पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें भारत-ईयू एफटीए, भारत ऑस्ट्रेलिया व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (सीईसीए), भारत-पेरू व्यापार समझौता, जिसमें माल, सेवाएं और निवेश शामिल हैं, भारत-श्रीलंका आर्थिक और तकनीकी सहयोग समझौता (ईटीसीए) और भारत-ओमान एफटीए शामिल हैं।

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