Sugar Industry Growth: भारत में 1.3 लाख करोड़ रुपये का उद्योग बना चीनी सेक्टर: प्रल्हाद जोशी

खबर सार :-
देश भर में चीनी उद्योग तेजी से प्रगति कर रहा है। सरकार की तरफ से चलाई जा रही नीतियों के कारण गन्ने की खेती करने वाले किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है। देश में पांच करोड़ से अधिक किसान गन्ने की खेती कर रहे हैं। वहीं जैव ईंधन बनाने में भी गन्ने का इस्तेमाल हो रहा है। यह सब कुछ किसानों की आय बढ़ाने में सहायक हो रहा है।

Sugar Industry Growth: भारत में 1.3 लाख करोड़ रुपये का उद्योग बना चीनी सेक्टर: प्रल्हाद जोशी
खबर विस्तार : -

नई दिल्ली: केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रल्हाद जोशी ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का चीनी क्षेत्र 1.3 लाख करोड़ रुपये का उद्योग बन गया है, जिसने रिकॉर्ड इथेनॉल मिश्रण और ईंधन में आत्मनिर्भरता जैसे सुधारों के माध्यम से ग्रामीण समृद्धि, ऊर्जा सुरक्षा और हरित ऊर्जा को बढ़ावा दिया है।

केंद्रीय मंत्री ने डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में 'सहकारी चीनी उद्योग सम्मेलन 2025' को संबोधित करते हुए कहा कि यह हम सभी के लिए प्रेरणादायी है कि कैसे इस क्षेत्र का विकास हो रहा है, जो कि देश के लिए एक टिकाऊ और आत्मनिर्भर भविष्य को आकार दे रहा है। राष्ट्र की सामूहिक शक्ति, नवाचार और दक्षता ने शुगर इंडस्ट्री को पूरी तरह से बदल दिया है। केंद्रीय मंत्री जोशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि उन्होंने नई दिल्ली के डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में 'सहकारी चीनी उद्योग सम्मेलन 2025' और 'राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार समारोह' को संबोधित किया, जहां हमने भारत के चीनी सहकारी क्षेत्र की प्रगति का जश्न मनाया।

देश में करीब पांच करोड़ किसान कर रहे गन्ने की खेती

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में करीब पांच करोड़ किसान (परिवार के सदस्यों सहित) गन्ने की खेती में लगे हुए हैं और यह उद्योग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पर्याप्त रोजगार के अवसर प्रदान कर रहा है। इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार किसानों के कल्याण और उपभोक्ताओं के साथ-साथ उद्योग के हितों की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है, जिससे कृषि पद्धतियों में सुधार के लिए सहयोगात्मक प्रयास सुनिश्चित होते हैं।

जैव ईंधन क्षेत्र में प्रौद्योगिकी बढ़ाने पर सरकार का जोर

केंद्रीय मंत्री ने जलवायु परिवर्तन से निपटने में जैव ईंधन की भूमिका को रेखांकित किया और चीनी उद्योग और किसानों पर भारत के इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के सकारात्मक प्रभावों का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने कहा कि चीनी और जैव ईंधन क्षेत्र में प्रौद्योगिकी एवं कौशल को आगे बढ़ाने के लिए भारत सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। चीनी पर भारत की सांस्कृतिक और आर्थिक निर्भरता पर जोर देते हुए उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े चीनी उपभोक्ता और एक महत्वपूर्ण जैव ईंधन उत्पादक के रूप में भारत की स्थिति का उल्लेख किया, जिसने पेट्रोल के साथ 12 प्रतिशत से अधिक इथेनॉल मिश्रण तैयार करने का हासिल किया है और जल्द ही 20 प्रतिशत तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है।

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