Increased Surveillance: केंद्र सरकार ने सस्ते आयात को रोकने के लिए बढ़ाई निगरानी

खबर सार : -
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने भारत में सस्ते और घटिया क्वालिटी के सामानों की डंपिंग को रोकने के लिए एक टास्कफोर्स का गठन किया है। केंद्र ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ के कारण दुनिया के कई देश यूए

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नई दिल्लीः वैश्विक बाजार में तमाम अनिश्चितताओं के बीच भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की रुचि लगातार बनी हुई है। विदेशी निवेशकों की तरफ से लगातार की जा रही खरीदारी के कारण शेयर बाजार में संतुलन बना हुआ है। इस बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने भारत में सस्ते और घटिया क्वालिटी के सामानों की डंपिंग को रोकने के लिए एक टास्कफोर्स का गठन किया है। केंद्र ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ के कारण दुनिया के कई देश यूएस को सामान निर्यात नहीं कर पा रहे हैं।

विकसित की जा रही नई व्यवस्था

केमिकल और पेट्रोकेमिकल्स डिपार्टमेंट में संयुक्त सचिव दीपक मिश्रा के मुताबिक वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखकर एक नई विश्व व्यवस्था विकसित की जा रही है, जिसमें कारोबार पर लगने वाले टैरिफ और जवाबी टैरिफ की घोषणा लगभग एक ही समय में करने की तैयारी है। इसकी वजह से अमेरिका को होने वाला निर्यात फिर से हमारी ओर निर्देशित किया जा सकता है। भारत सरकार को अब इससे बचने के लिए डंपिंग और शिकारी मूल्य निर्धारण के खिलाफ अत्यधिक सतर्क रहने की जरूरत है। इसीलिए कुछ समय से बदली परिस्थितियों के अनुसार स्थिति पर बारीकी से नजर रखने का निर्णय लिया गया है।

टॉस्क फोर्स को सौंपी गई जिम्मेदारी

वाणिज्य मंत्रालय ने मामले को गंभीरता से लेकर एक टास्क फोर्स का गठन गया है, जो निगरानी का काम करेगा। एसोचैम की ओर से दिल्ली में आयोजित 'इंडिया स्पेशियलिटी केमिकल्स कॉन्क्लेव' में दीपक मिश्रा ने कहा कि भारत के केमिकल सेक्टर को इस डेवलपमेंट से लाभ हो सकता है। हम भारत के लिए केमिकल के पंजीकरण, मूल्यांकन, प्राधिकरण और प्रतिबंध (आरईएसीएच) ढांचे को विकसित करने के लिए काम कर रहे हैं। यह एक बार लागू हो जाने के बाद, उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण मानदंडों और गुणवत्ता नियंत्रण के अनुरूप ब्रांड किया जा सकेगा।

केमिकल सेक्टर की गतिविधियों में बढ़ोत्तरी

एसोचैम नेशनल काउंसिल ऑन केमिकल्स एंड पेट्रोकेमिकल्स के को-चेयरमैन कपिल मल्होत्रा ने कहा कि जैसे-जैसे अमेरिकी टैरिफ का मुद्दा शांत होता जा रहा है, केमिकल सेक्टर की गतिविधियों में वृद्धि देखी जा रही है। यही नहीं केमिकल सेक्टर से जुड़ी दुनिया भर के देशों से इंक्वायरी आ रही है। आंकड़ों पर गौर करें, तो केमिकल का वैश्विक बाजार लगभग 6 ट्रिलियन डॉलर का है और इसका 60 प्रतिशत कारोबार वैश्विक स्तर पर होता है, जो विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों और विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक अवसर प्रदान करता है। इसलिए सरकार पूरी गतिविधि पर नजर रख रही है।

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