Income Tax: आयकरदाता फॉर्म 16 भरते समय बरतें सावधानी, इन बातों का रखें ध्यान

खबर सार :-
भारत सरकार ने एक निश्चित धनराशि से अधिक की वार्षिक इनकम करने वालों के लिए आयकर रिटर्न भरना अनिवार्य कर दिया है। इसलिए जिन लोगों ने भी नई नौकरी ज्वाइन की है और सरकार की ओर से निर्धारित वार्षिक आय के अनुसार टैक्स के दायरे में आते हैं, उन्हें फॉर्म 16 भरना पड़ता है। इस फॉर्म को भरते समय हमें क्या सावधानियां बरतनी चाहिए। इस बारे में जानकारी होना जरूरी है।

Income Tax: आयकरदाता फॉर्म 16 भरते समय बरतें सावधानी, इन बातों का रखें ध्यान
खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः देश में हर दिन सैकड़ों की संख्या में लोग नई नौकरी ज्वाइन करते हैं। इसमें बहुत से लोगों को सरकारी नौकरी मिलती है, तो कुछ लोगों को निजी सेक्टर में रोजगार के अवसर मिलते हैं। यहां आयकर के दायरे में आने वाले नौकरीपेशा व्यक्ति के लिए फॉर्म 16 भरना जरूरी होता है। इसमें नौकरी करने वाले व्यक्ति से जुड़ी हर वह डिटेल भरी जाती है, जिसके माध्यम से आप आसानी से अपना इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) भर सकते हैं। ऐसे में फॉर्म 16 के बारे में आपको सारी जानकारी होनी चाहिए, जिससे आईटी रिटर्न भरने के बाद आपको टैक्स नोटिस आदि का सामना न करना पड़े।

फॉर्म 16 में मौजूद रहती है नियोक्ता की सारी जानकारी

आयकर विभाग की तरफ से आयकर दाताओं का विवरण फॉर्म 16 में दर्ज होता है। फॉर्म 16 एक ऐसा दस्तावेज होता है, जो नियोक्ता की ओर से जारी किया जाता है। इसमें नौकरी करने वाले व्यक्ति की आय, काटे गए टैक्स, छूट और पूरी वित्तीय प्रोफाइल होती है। इसे एक वैध दस्तावेज माना जाता है, जो इस बात का भी सबूत होता है कि आपकी कर योग्य आय में से टैक्स की कटौती करके सरकार के पास कितनी धनराशि जमा कराई गई है। वहीं, कुछ विशेष मामलों में पेंशन और ब्याज से आय अर्जित करने वाले 75 वर्ष के वरिष्ठ नागरिकों को बैंक और वित्तीय संस्थान की ओर से भी यह फॉर्म जारी किया जाता है। 

फॉर्म 16 में होते हैं दो भाग

फॉर्म 16 के दो भाग होते हैं। पहला भगा- ए, जिसमें पैन की डिटेल्स, नियोक्ता का टैन, प्राप्त हुई सैलरी और काटा गया टीडीएस आदि होता है। वहीं, दूसरा भाग -बी, जिसमें टैक्स फाइलिंग की जानकारी होती है। इसमें कुल आय, छूट (एचआरए और एलटीए आदि), कटौती (80सी और 80डी आदि) और कुल देय टैक्स की राशि शामिल होती है। यदि आप फॉर्म 16 के जरिए आईटीआर भरने जा रहे हैं तो आपको कुछ बातों को जरूर चेक करना चाहिए। इसी प्रकार फॉर्म 26एएस एक स्टेटमेंट होता है, जिसमें सारी टैक्स से जुड़ी जानकारियों होती हैं, जिसमें टैक्सपेयर का पैन नंबर, टीडीएस ( टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) और टीसीएस (टैक्स कलेक्ट एट सोर्स), एडवांस टैक्स और रिफंड आदि की जानकारी शामिल रहती है। वहीं, एआईएस फॉर्म 26एएस में टैक्सपेयर से जुड़ी सारी जानकारी का विस्तृत सारांश होता है।

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