नई दिल्लीः दुनिया भर में रोजाना तकनीक के क्षेत्र में कोई न कोई क्रांति होती रहती है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस 21 सदी में सबसे बड़ी उपलब्धि के रूप में सामने आया है। इसकी मदद से हम बड़े से बड़े काम को चुटकियों को खत्म करने की स्किल डेवलप करने में सफल हुए हैं। आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, चैटजीपीटी, मेटा और गिटहब कोपायलट जैसे प्रोग्राम्स की मदद से हम अपने सवालों के जवाब आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। अपनी बड़ी से बड़ी समस्याओं का चंद मिनटों में हल निकाल सकते हैं। इसी कड़ी में गिटहब कोपायलट ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इसके यूजर्स का आंकड़ा 15 मिलियन के पार चला गया है, जो कि सालाना आधार पर 4 गुना से अधिक की बढ़त माना जा रहा है। इसके कुछ ही दिनों पूर्व गिटहब पर काम करने वाले डेवलपर्स की संख्या भारत में 18 मिलियन से अधिक होने की ऐलान भी किया गया था।
गिटहब कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि इस साल अब तक, गिटहब ने 85 कोपायलट अपडेट भेजे हैं, जिसमें एमसीपी सपोर्ट, एक्सपेंडेड मॉडल सपोर्ट, ब्रिंग योर ओन की और नेक्स्ट एडिट सजेशन जैसी अनेकों प्रकार की सुविधाएं मौजूद हैं। हमारे कोपायलट के कोड रिव्यू एजेंट ने पहले ही 8 मिलियन से ज्यादा पुल रिक्वेस्ट का रिव्यू कर लिया है, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। गिटहब के सीईओ थॉमस डोमके के मुताबिक यूजर्स को अपने साथ जोड़ने और उनकी समस्याओं का समाधान करने की तेजी हमारे कर्मचारियों, वीएस कोड और गिटहब टीम के समर्पण से संभव हुई है, जो निरंतर स्पीड के साथ हमारे उत्पाद को तेजी से विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। डोमके ने बताया कि इस साल अब तक हमने गिटहब कोपायलट के लिए 85 चेंजलॉग पोस्ट किए हैं, जिसमें एमसीपी सपोर्ट से लेकर ब्रिंग योर ओन की और नेक्स्ट एडिट सजेशन भी शामिल हैं। यही नहीं, वीएस कोड में एजेंट मोड के साथ कोपायलट अब कोड पर दोहराने की क्षमता भी रखता है, यह गलतियों की पहचान कर सकता है और उन्हें ऑटोमैटिकली सही भी कर सकता है।
थॉमस डोमके ने बताया कि जो गिटहब कोपायलट पहले एआई पेयर प्रोग्रामर के रूप में शुरू हुआ था, वह जल्द ही एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर (एसडब्ल्यूई) एजेंट में विकसित होने लगा है, जो आपके कोड के साथ ही एम्बेडेड होगा और इसके साथ, गिटहब खुद न केवल आपके रिपॉजिटरी का घर बन जाएगा, बल्कि आपके एजेंट्स का भी घर होगा। ट्विलियो, सिस्को, एचपीई, स्काईस्कैनर और टारगेट जैसी कंपनियां अपने डेवलपर्स को पूरे विकास चक्र में एआई से लैस बनाने के लिए गिटहब कोपायलट को चुनने का विकल्प देती हैं। इस बीच, माइक्रोसॉफ्ट ने 31 मार्च, 2025 को समाप्त तिमाही के परिणामों की घोषणा की, तो परिणाम चौंकाने वाले सामने आये। कंपनी का राजस्व 70.1 बिलियन डॉलर था और इसमें 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इसी तरह कंपनी की शुद्ध आय 25.8 बिलियन डॉलर थी, जिसमें 18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। इस संबंध में माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन और सीईओ सत्य नडेला ने कहा कि क्लाउड और एआई हर व्यवसाय के लिए आउटपुट बढ़ाने, लागत कम करने और विकास में तेजी लाने के लिए आवश्यक इनपुट हैं।
दरअसल, गिटहब कोपायलट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की कोडिंग में सहायक प्रोग्रामर एप है, जिसका कार्य आपको तेज गति से और कम मेहनत के साथ कोड लिखने में मदद करना होता है। इस प्रोग्रामर के माध्यम से आप किसी भी समस्या का समाधान आसानी से तलाश सकते हैं। यही नहीं गिटहब के सहयोग पर अधिक ऊर्जा को बचाकर किसी अन्य काम में इस्तेमाल कर सकते हैं।
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