Ethanol Refinery: देश की इस रिफाइनरी में बांस से बनेगा इथेनॉल

खबर सार :-
केंद्र सरकार ने बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने और किसानों की आय को बढ़ाने के लिए इथेनॉल को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। सरकार की इस शानदार योजना के तहत अब असम में  बॉयो-इथेनॉल प्लांट शुरू करने का निर्णय लिया गया है, जो पूरी तरह बनकर तैयार हो चुका है।

Ethanol Refinery: देश की इस रिफाइनरी में बांस से बनेगा इथेनॉल
खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः देश भर में बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है। इसके साथ ही किसानों की आय को दोगुना करने के लिए किसानों को आर्थिक सहायत देने, सब्सिडी पर खाद-बीज उपलब्ध कराने से लेकर फसलों की खरीद निर्धारित समर्थन मूल्य पर करवाने की कोशिशें की जा रही हैं। इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने और किसानों की आय को बढ़ाने के लिए इथेनॉल को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। सरकार की इस शानदार योजना के तहत अब असम में  बॉयो-इथेनॉल प्लांट शुरू करने का निर्णय लिया गया है, जो पूरी तरह बनकर तैयार हो चुका है। इस बॉयो-इथेनॉल प्लांट की क्षमता 49 किलो टन प्रति वर्ष (केटीपीए) होगी। इस प्लांट में बांस से इथेनॉल का उत्पादन किया जाएगा और इससे उत्तर-पूर्व के करीब 30,000 ग्रामीण परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराने और आय बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

ग्रीन गोल्ड एथेनॉल का उत्पादन

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोशल मीडिया हैंडल पर गुरुवार 24 अप्रैल को कहा कि पर्यावरण और हमारी आर्थिक उन्नति के बीच बेहतर तालमेल को दर्शाती ये तस्वीरें असम बॉयो-इथेनॉल प्लांट की हैं, जहां 'ग्रीन गोल्ड' यानि बांस से इथेनॉल का उत्पादन होने जा रहा है। 49 केटीपीए उत्पादन क्षमता वाली इस बॉयो रिफाइनरी से 30,000 ग्रामीण परिवारों के जीवन में नया उजाला होगा। यह असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और नागालैंड के बांस किसानों के आर्थिक जीवन को और समृद्ध करने में भी अहम भूमिका निभाने को तैयार है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'अन्नदाता से ऊर्जादाता' का मंत्र किसानों की आय बढ़ाने का काम कर रहा है। इसके साथ ही रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं। यह देश का धन बचाने के साथ ही पर्यावरण के लिए एक वरदान साबित हो रहा है। 

सितंबर में होगा प्लांट का उद्घाटन

मंत्रालय की रिपोर्ट्स के मुताबिक, असम में खुलने का रहे पहले बायो-इथेनॉल प्लांट का उद्घाटन सितंबर 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों किया जा सकता है। इसके लिए असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा पीएम मोदी को राज्य आने का न्यौता भी दे चुके हैं। मंत्री हरदीप पुरी ने बताया कि मोदी सरकार की इथेनॉल क्रांति से किसानों को अब तक 1,07,580 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय हुई है। यही नहीं, देश के 1,26,210 करोड़ रुपए विदेश में जाने से बचे हैं।  इसके अलावा, इथेनॉल की उपलब्धता से 214 लाख मीट्रिक टन क्रूड ऑयल का आयात कम हुआ है। कार्बन उत्सर्जन के मामले में भी 643 लाख मीट्रिक टन की कमी आई है।

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