नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने कर्मचारियों की भविष्य निधि को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) द्वारा तैयार प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि यानी ईपीएफ जमा पर 8.25 फीसदी ब्याज दर बरकरार रखने का निर्णय लिया गया है। इससे ईपीएफओ अपने 7 करोड़ से अधिक अंशधारकों के भविष्य निधि पर वार्षिक ब्याज को जमा कर सकेगा। इस संबंध में सरकार की ओर से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।
श्रम मंत्रालय से मिली आधिकारिक जानकारी के मुताबिक ईपीएफ जमा पर ब्याज दर में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ईपीएफ पर 8.25 फीसदी की पुरानी ब्याज दर को अपनी सहमति प्रदान कर दी है। इसके लिए श्रम मंत्रालय ने 22 मई को ईपीएफओ को एक पत्र भेज कर जानकारी दी है। इससे पूर्व कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने 28 फरवरी को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ईपीएफ जमा पर 8.25 फीसदी की ब्याज दर को बरकरार रखने का फैसला किया था। संगठन की ओर से यह प्रस्ताव वित्त मंत्रालय की सहमति के लिए भेजा गया था, जिसे अब मंजूरी मिल गई है।
ईपीएफओ एक्ट के तहत कर्मचारी की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते के योग का 12 फीसदी राशि ईपीएफ अकाउंट में जमा की जाती है। इसमें कंपनी भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी+महंगाई भत्ता का 12 फीसदी जमा करती है। कंपनी के 12 फीसदी हिस्से में से 3.67 फीसदी पीएफ अकाउंट में जाता है, जबकि बाकी 8.33 फीसदी धनराशि पेंशन स्कीम में जमा हो जाता है। वहीं, कर्मचारी के हिस्से का सारा पैसा ईपीएफ अकाउंट में जाता है। दरअसल, वर्ष 2022 में ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अपने 7 करोड़ से अधिक ग्राहकों के लिए ईपीएफ पर ब्याज को घटाकर करीब 40 साल से अधिक के निचले स्तर पर पहुंचा दिया है, जो कि 8.10 फीसदी पर था। इससे पूर्व 2020-21 में ब्याज दर 8.5 फीसदी थी। ईपीएफ पर 8.10 फीसदी ब्याज की दर 1977-78 के बाद से सबसे कम थी, उस समय ब्याज दर सिर्फ 8 फीसदी मिलती थी। ईपीएफओ ने 2019-20 में ईपीएफ जमा पर ब्याज दर घटाकर 8.5 फीसदी कर दिया था, जो कि 2018-19 के लिए 8.65 प्रतिशत थी।
गौरतलब है कि ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2016-17 में अपने कर्मचारियों को कर्मचारी भविष्य निधि जमा पर 8.65 फीसदी का ब्याज दिया था। इसके बाद वित्त वर्ष 2017-18 में ब्याज दर 8.55 फीसदी और 2015-16 में 8.80 फीसदी थी। सेवानिवृत्ति निधि निकाय ने वित्त वर्ष 2013-14 और 2014-15 में 8.75 फीसदी का ब्याज दिया था, जो कि 2012-13 के 8.5 फीसदी से अधिक था। यही नहीं, वित्त वर्ष 2011-12 में ब्याज दर 8.25 फीसदी थी।
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