Defraudation: कर चोरी के खिलाफ सीबीडीटी के अभियान में तेजी

खबर सार : -
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीडीटी ने कर चोरी करने वालों के खिलाफ अभियान तेज करने की रणनीति तैयार कर ली है। आयकर विभाग के प्रत्येक क्षेत्राधिकारी को 31 जुलाई तक एक बड़ी तलाशी और छापेमारी की कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें अनरिपोर्टेड और

खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीडीटी ने आयकर विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों को काले धन औऱ कर चोरी के खिलाफ अभियान तेज करने  के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही अप्रतिबंधित आय यानी अनरिपोर्टेड और वास्तविक आय से कम यानी अंडर रिपोर्टेड व्यवसायों को कर के दायरे में लाने के लिए तय समय में रणनीति तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस अभियान में सीबीडीटी को चालू वित्त वर्ष के दौरान 2.4 लाख करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता लगाने की उम्मीद है।

तलाशी और जब्ती कार्रवाई तेज करने के निर्देश

रिपोर्ट के अनुसार, आयकर विभाग के प्रत्येक क्षेत्राधिकार को 31 जुलाई 2025 तक कम से कम एक बड़ी तलाशी और जब्ती कार्रवाई करने को कहा गया है। इसके अलावा, अगस्त 2025 से मार्च 2026 के बीच कम से कम दो अतिरिक्त तलाशी और जब्ती कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं। सीबीडीटी के निर्देशानुसार कुल लक्ष्य का 60 प्रतिशत हिस्सा तलाशी और छापे जैसी घुसपैठ वाली पहलों के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा, जबकि 40 प्रतिशत गैर-घुसपैठ वाली जांच से आने की उम्मीद है। इसमें डेटा विश्लेषण और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस से जुड़ी जानकारी भी शामिल है। सीबीडीटी की नई रणनीति के तहत आयकर विभाग की इंवेस्टिगेशन विंग को उन क्षेत्रों पर केंद्रित, डेटा-बैक्ड रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है, जो कर चोरी की संभावना में आते हैं और जिनके कारोबार में पर्याप्त जानकारी का खुलासा नहीं किया गया है। संभावना व्यक्त कि गई है कि ये क्षेत्र मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस, माइनिंग, लिकर ट्रेड, इंटरनेशनल ट्रेड, हवाला, हेल्थकेयर, स्क्रैप डीलिंग और दूसरे अनरेगुलेटेड डोमेन तक फैले हो सकते हैं।

चिन्हित सेक्टर्स की स्टडी पर जोर

सीबीडीटी के अधिकारियों के मुताबिक उन सेक्टर्स की स्टडी किए जाने की तत्काल जरूरत है, जहां अनरिपोर्टेड और अंडर-रिपोर्टेड एक्टिविटी की मात्रा अधिक है। यह नया कदम एक व्यापक योजना के तहत उठाया गया है, जिसके तहत डेटा की सीमित उपलब्धता के कारण कर अधिकारियों की नजर से बच निकलने वाले कारोबारियों को कर के दायरे में लाने का प्रयास किया जाएगा। इससे निश्चित तौर पर देश के राजस्व संग्रह में इजाफा होगा। वित्त मंत्रालय के ताजा आंकड़ों पर गौर करें, तो वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत का प्रत्यक्ष कर संग्रह अपने लक्ष्य से अधिक हो गया है। इसमें अनंतिम शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 11,82,875 करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जो कि पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 17 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

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