CNG Stations Increased: देश में सीएनजी स्टेशनों की संख्या में 930 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी

खबर सार : -
देश भर में पिछले 10 वर्षों में सीएनजी स्टेशनों में संख्या में 930 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस अवधि में पीएनजी कनेक्शन लेने वालों की संख्या में 467 प्रतिशत और एलपीजी कनेक्शन में 128 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः देश भर में पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों की जगह प्रदूषण मुक्त ईंधनों को बढ़ावा देने पर जोरदार तरीके से काम हो रहा है। सरकार कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस यानी सीएनजी को बढ़ावा देने में जुटी है। वाहनों से होने वाले प्रदूषण को लेकर जनता भी काफी जागरूक हुई है, जिसका परिणाम अब दिखने लगा है। देश में पिछले 10 वर्षों में वाहनों के लिए ग्रीन फ्यूल मुहैया कराने वाले सीएनजी स्टेशनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के मुताबिक सीएनजी स्टेशनों की संख्या में 930 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। इसके साथ ही पाइप्ड नेचुरल गैस यानी पीएनजी के माध्यम से घरों में रसोई गैस का इस्तेमाल करने वालों की संख्या में भी 5 गुना की वृद्धि हुई है। एलपीजी कनेक्शन लेने वालों की संख्या भी दोगुना हो गई है। सरकार ने इसे एक बड़ी उपलब्धि माना है। इसका दूसरा पक्ष यह भी है कि लोगों की जीवनशैली में काफी सुधार आया है, जनता 'स्वच्छ ईंधन के साथ स्वस्थ भारत' की यात्रा में तेजी से आगे बढ़ रही है। 

पीएनजी और एलपीजी कनेक्शन लेने वालों की संख्या में भी इजाफा

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक्स पर पोस्टमें लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में पिछले 10 वर्षों में सीएनजी स्टेशनों में 930 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस अवधि में पीएनजी कनेक्शन में 467 प्रतिशत और एलपीजी कनेक्शन में 128 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि ये केवल आंकड़े नहीं हैं, बल्कि हमारे संकल्प के मार्ग में उपलब्धि को दर्शाते हैं। ये बताते हैं कि नई सोच, सच्चे इरादे और कड़ी मेहनत से बड़े से बड़े बदलाव भी संभव हैं। यह भी कहा कि लोगों को सुविधा प्रदान करने के साथ-साथ ये आंकड़े 'स्वच्छ ईंधन से स्वस्थ भारत' की यात्रा को गति दे रहे हैं। इन उपलब्धियों ने विकसित भारत की नींव को मजबूत किया है, जिस पर विकसित भारत की भव्य इमारत का निर्माण शुरू हो गया है।

पीएनजीआरबी की स्टडी में मिले बेहतर संकेत

पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस रेगुलेटरी बोर्ड (पीएनजीआरबी) की ओर से जारी एक स्टडी रिपोर्ट के अनुसार, भारत की प्राकृतिक गैस की खपत 2030 तक लगभग 60 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है, क्योंकि देश, तेल आयात पर अपनी निर्भरता को कम करना चाहता है। वाहन चलाने, घरेलू रसोई में खाना पकाने और औद्योगिक इस्तेमाल के लिए स्वच्छ ईंधन पर स्विच करना चाहता है। पीएनजीआरबी ने अपनी कोशिशों से पहले ही 307 भौगोलिक क्षेत्रों में गैस इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया है, जो द्वीपों को छोड़कर पूरे देश को कवर करता है। रिपोर्ट की मानें, तो सिटी गैस डिस्ट्रिब्यूशन (सीजीडी) सेक्टर के सबसे आगे बने रहने की उम्मीद है, जिसमें खपत 2.5 /3.5 गुना से बढ़कर वर्ष 2030 तक 6/7 गुना हो जाने का अनुमान व्यक्त किया गया है। 'गुड-टू-गो' स्थिति में प्राकृतिक गैस की खपत 2023-24 में 188 मिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर प्रतिदिन से बढ़कर 2030 तक 297 एमएमएससीएमडी हो जाने की उम्मीद है। इसी स्थिति में 2040 तक खपत बढ़कर 496 एमएमएससीएमडी होने का अनुमान भी है।

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