Claim settlement in EPFO: ईपीएफओ में क्लेम का सेटलमेंट करना हुआ आसान

Summary : केंद्र सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में क्लेम का सेटलमेंट करने की प्रक्रिया को आसान बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने गुरुवार को दो नए सुधारों का ऐलान किया है, जिससे दावों के निपटारे की प्रक्रिया में समय भी कम लगेगा और भु

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में क्लेम का सेटलमेंट करने की प्रक्रिया को आसान बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने गुरुवार को दो नए सुधारों का ऐलान किया है, जिससे दावों के निपटारे की प्रक्रिया में समय भी कम लगेगा और भुगतान भी आसानी से हो जाएगा। 

Claim settlement in EPFO: प्रोफाइल अपडेशन में पासबुक अपलोड करना जरूरी नहीं

केंद्र सरकार की तरफ से जारी नए सुधारों के अनुसार, अब ईपीएफओ ने ऑनलाइन क्लेम दाखिल करते समय चेक या सत्यापित बैंक पासबुक की तस्वीर अपलोड करने की प्रक्रिया को समाप्त कर दिया है, इससे सीधे तौर पर 7.7 करोड़ से अधिक सदस्यों को लाभ होगा। सरकार की तरफ से इस नियम की शुरुआत कुछ केवाईसी-अपडेट करने वाले सदस्यों के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर की गई थी। 28 मई, 2024 को इसके लॉन्च होने के बाद से अब तक 1.7 करोड़ ईपीएफओ सदस्यों को इसका लाभ मिल चुका है। 

यूएएन के साथ बैंक खाते को जोड़ने की प्रक्रिया हुई आसान

केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय के मुताबिक पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद अब इस सुविधा को सभी सदस्यों के लिए लागू कर दिया है। किसी सदस्य द्वारा यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) के साथ बैंक खाते को जोड़ते समय खाताधारक का नाम ईपीएफओ के विवरण के साथ पहले से ही सत्यापित हो चुका होता है, इसलिए यह अतिरिक्त दस्तावेज अपलोड करने की आवश्यक नहीं है। सरकार ने यूएएन के साथ बैंक खातों को जोड़ने की प्रक्रिया को सरल बनाने की दिशा में भी काम हुआ है। ईपीएफओ ने बैंक सत्यापन के बाद नियोक्ता की मंजूरी की आवश्यकता को भी हटा दिया है। 

वर्तमान समय में, प्रत्येक सदस्य को अपने बैंक खाते को यूएएन से जोड़ना आवश्यक है, जिससे उनकी पीएफ निकासी को ऐसे खाते में आसानी से जमा किया जा सके। ऐसे में प्रत्येक माह में अंशदान करने वाले 7.74 करोड़ सदस्यों में से 4.83 करोड़ सदस्यों ने अपने बैंक खातों को यूएएन से जोड़ लिया है और 14.95 लाख स्वीकृतियां नियोक्ताओं के स्तर पर लंबित हैं, जिनके निस्तारण में समस्या आ रही है। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के मुताबिक सरकार की तरफ से जारी किए गए नए सुधारों से उन सदस्यों को भी सुविधा होगी, जो आधार ओटीपी के माध्यम से आईएफएससी कोड के साथ अपना नया बैंक खाता नंबर दर्ज करके अपने पहले से जुड़े बैंक खाते को बदलना चाहते हैं। यह प्रक्रिया अत्यंत सरल होने के साथ ही समय की बचत भी करेगी। 


 

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