Central Government Approval: पांच राज्यों में 10,900 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को केंद्र सरकार की मंजूरी

खबर सार :-
केंद्र सरकार देश के प्रमुख शहरों में क्लीन ट्रांसपोर्टेशन के तहत इलेक्ट्रिक बसें संचालित करने की दिशा में काम कर रहा है। केंद्र सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय ने पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत दिल्ली, बेंगलुरु, अहमदाबाद, सूरत और हैदराबाद में कुल 10,900 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को मंजूरी दे दी है।

Central Government Approval: पांच राज्यों में 10,900 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को केंद्र सरकार की मंजूरी
खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः केंद्र सरकार की पीएम ई-ड्राइव योजना शहरों में प्रदूषण मुक्त और स्मार्ट परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराने में काफी कारगर साबित हो रही है। केंद्र सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय ने पीएम ई-ड्राइव योजना के मौजूदा चरण में देश के पांच शहरों को शामिल किया है, जिसमें बेंगलुरु, हैदराबाद, दिल्ली, अहमदाबाद और सूरत के लिए कुल मिलाकर 10,900 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की मंजूरी प्रदान की गई है।

पीएम के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने की दिशा में हो रहा कामः एचडी कुमार स्वामी

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच.डी. कुमार स्वामी की अध्यक्षता में आयोजित एक बैठक में इलेक्ट्रिक बसों को संचालित करने और उनकी संख्या से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी देने पर निर्णय लिया गया। मंत्रालय ने  अहमदाबाद को 1,000 बसें, हैदराबाद को 2,000 बसें, बेंगलुरु को 4,500 बसें, दिल्ली को 2,800 बसें और सूरत को 600 इलेक्ट्रिक बसें देने को मंजूरी दी है। मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि तेलंगाना, कर्नाटक, दिल्ली और गुजरात राज्यों में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या और संचालन बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह निर्णय पूरे भारत में स्वच्छ और समावेशी शहरी परिवहन समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है।केंद्रीय मंत्री कुमार स्वामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अब टिकाऊ शहरी गतिशीलता की दिशा में साहसिक कदम उठा रहा है। बेंगलुरु से लेकर दिल्ली तक, शहर सार्वजनिक परिवहन को स्वच्छ, स्मार्ट और अधिक कुशल बनाने को सक्रिय रूप से इलेक्ट्रिक बसों के संचालन में रुचि दिखा रहे हैं। यह भी कहा कि हम केवल इलेक्ट्रिक बसें आवंटित नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम इनोवेशन और पर्यावरण के प्रति जागरूकता के साथ भारत की परिवहन प्रणाली के भविष्य को आकार देने में भी सक्रिय योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र और तेलंगाना, कर्नाटक, दिल्ली और गुजरात जैसे राज्यों के बीच मजबूत समन्वय के साथ, हम पीएम ई-ड्राइव वादे को पूरा करने के लिए दृढ़ हैं।

 14,028 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन का लक्ष्य

केंद्रीय मंत्री के अनुसार पीएम ई-ड्राइव पहल का लक्ष्य अप्रैल 2024 से मार्च 2026 तक दो साल की अवधि में 10,900 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ 14,028 इलेक्ट्रिक बसें सड़क पर उतारना है। यह योजना बड़े पैमाने पर सार्वजनिक परिवहन को विद्युतीकृत करने के लिए दुनिया के सबसे बड़े राष्ट्रीय प्रयासों में से एक है। केंद्र सरकार समय पर वाहनों की डिलीवरी, परिचालन संबंधी तत्परता और सभी भाग लेने वाले राज्यों के साथ रणनीतिक साझेदारी के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है। भारी उद्योग मंत्रालय यानी एमएचआई ने योजना के तहत डिमांड इंसेंटिव का लाभ उठाने के लिए ईवी खरीदारों के लिए ई-वाउचर भी पेश किए हैं।

ई-एंबुलेंस और ई-ट्रकों के लिए 500-500 करोड़ आवंटित

भारी उद्योग मंत्रालय के अनुसार पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत ई-एम्बुलेंस और ई-ट्रकों की तैनाती के लिए भी 500-500 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। पहली बार मरीजों को आरामदायक परिवहन का लाभ दिलाने के लिए ई-एम्बुलेंस के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी तरह, योजना के तहत ई-ट्रक भी पेश किए गए हैं, क्योंकि ट्रक वायु प्रदूषण में प्रमुख योगदानकर्ता हैं। ई-ट्रक पर सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) द्वारा अनुमोदित वाहन स्क्रैपिंग सेंटर (आरवीएसएफ) से स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट जमा करना अनिवार्य कर दिया गया है।

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