नई दिल्लीः भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यस्था हर किसी को सोचने और अपनी नीतियां बदलने को मजबूर कर रही है। ऐसे में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मित्र और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत में व्यापार को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने एप्पल कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी यानी सीईओ टिम कुक से कहा कि वे मोबाइल फोन बनाने वाली नई फैक्ट्रियां भारत में न लगायें, क्योंकि भारत अपनी जरूरतों का ध्यान रखने में सक्षम है। ट्रंप ने यह बयान अपनी कतर यात्रा के दौरान दोहा में बिजनेस लीडर्स के एक कार्यक्रम में दिया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एप्पल से सीईओ टिम कुक के साथ हुई बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि मैं नहीं चाहता कि एप्पल भारत में प्रोडक्ट बनाए। कंपनी को केवल भारतीय बाज़ार को ध्यान में रखते हुए वहां फैक्ट्रियां लगानी चाहिए, उत्पादन करने के लिए नहीं। ट्रंप ने कहा कि एप्पल कंपनी अब धीरे-धीरे अमेरिका में अपने उत्पादन का लेबल बढ़ाने का काम करेगी। यह खुलासा भी किया कि भारत ने अमेरिका को व्यापार में ‘ज़ीरो टैरिफ डील’ की पेशकश की है, यानी भारत अमेरिका से आयात पर कोई शुल्क नहीं लेना चाहता। हालांकि ट्रंप ने यह स्पष्ट नहीं किया कि इस बातचीत का भारत में एप्पल की उत्पादन योजनाओं पर कोई प्रभाव पड़ेगा या नहीं।
डोनाल्ड ट्रम्प ने आतंक के मुद्दे पर भारत की पाकिस्तान पर कार्रवाई के बाद दोनों देशों के बीच हुए संघर्ष को रोकने में अपनी भूमिका होने का दावा किया था। उनका कहना था कि व्यापार को हथियार बनाकर उन्होंने दो परमाणु शक्ति सम्पन्न देशों को शांति के लिए मनाया था। हालांकि भारत ने इस दावे का खंडन करते हुए स्पष्ट किया कि संघर्ष विराम पाकिस्तान की ओर से किए गए अनुरोध के बाद हुआ है। ट्रम्प ने इसके साथ कश्मीर पर मध्यस्त बनने का भी प्रस्ताव रखा था, जिसे भारत ने सीरे से खारिज कर दिया। भारत का कहना है कि कश्मीर द्विपक्षीय मसला है और पीओके ही एकमात्र बातचीत का विषय है। इसलिए माना जा रहा है कि ट्रम्प का आज का बयान भारत पर दवाब बनाने और उनके दावों का खंडन करने की प्रतिक्रिया हो सकती है।
गौरतलब है कि अमेरिका द्वारा भारतीय स्टील और एल्युमीनियम पर शुल्क बढ़ाने के जवाब में भारत ने वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूटीओ) में जवाबी टैरिफ का प्रस्ताव दिया है। ऐसे में ट्रंप का यह बयान भारत की चेतावनी के संदर्भ में भी देखा जा रहा है। फिलहाल भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता जारी है और दोनों देश आपसी समझौते की दिशा में प्रयासरत हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता चल रही है। ये जटिल वार्ताएं हैं। जब तक सब कुछ तय नहीं हो जाता, तब तक कुछ भी तय नहीं होता है। कोई भी व्यापार सौदा परस्पर लाभकारी होना चाहिए। इसे दोनों देशों के लिए कारगर होना चाहिए। व्यापार सौदे से हमारी यही अपेक्षा होगी। जब तक ऐसा नहीं हो जाता, इस पर कोई भी निर्णय जल्दबाजी होगी।
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