Active companies: वित्त वर्ष 2025 में सक्रिय कंपनियों की संख्या 1.62 लाख के पार
Summary : औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों से जुड़ी सक्रिय कंपनियों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। आंकड़ों पर गौर करें, तो पिछले वित्त वर्ष की समाप्ति तक सक्रिय कंपनियों की संख्या 1,62,800 से अधिक बताई गई है
नई दिल्लीः केंद्र सरकार की आत्मनिर्भर भारत योजना का असर व्यापक रूप से दिखने लगा है। औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों से जुड़ी सक्रिय कंपनियों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। आंकड़ों पर गौर करें, तो पिछले वित्त वर्ष की समाप्ति तक सक्रिय कंपनियों की संख्या 1,62,800 से अधिक बताई गई है, जो निश्चित तौर पर भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर संकेत है।
कॉर्पोरेट मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, नए बिजनेस रजिस्ट्रेशन में पिछले वित्तीय वर्ष में तेजी से वृद्धि हुई है, जिसमें कुल नए रजिस्ट्रेशन में सर्विस सेक्टर का दो तिहाई हिस्सा शामिल रहा है। अप्रैल 2024-फरवरी 2025 की अवधि में, 1,41,675 कंपनियां रजिस्टर्ड हुई हैं, जिसकी वजह से पेड-अप कैपिटल में लगभग 3.36 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। इस वजह से औद्योगिक क्षेत्र ने पेड-अप कैपिटल का 82 प्रतिशत से अधिक प्रतिनिधित्व किया है। यही नहीं, अप्रैल से लेकर फरवरी के बीच की अवधि में मैन्युफैक्चरिंग, टेक्सटाइल, माइनिंग, मेटल और केमिकल जैसे औद्योगिक क्षेत्र में प्रमुख निवेश आया। आंकड़ों में यह भी बताया गया है कि 31 जनवरी तक देश में कुल 28,05,354 कंपनियां रजिस्टर्ड थीं, जिनमें से 65 प्रतिशत यानी 18,17,222 कंपनियां सक्रिय थीं। यह आंकड़ा दिसंबर 2024 की तुलना में सक्रिय कंपनियों के कुल अनुपात में 0.14 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। गौरतलब है कि देश में 31 जनवरी तक 5,216 विदेशी कंपनियां भी रजिस्टर्ड थीं और उनमें से 63 प्रतिशत या 3,281 संस्थाएं सक्रिय थीं। यहां कुल रजिस्टर्ड कंपनियों में प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों की हिस्सेदारी 96 प्रतिशत है, जो कुल पेड-अप कैपिटल का 38 प्रतिशत है।
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों की तुलना में पब्लिक लिमिटेड कंपनियों की संख्या (4 प्रतिशत) कम है, लेकिन तब भी उनकी भागीदारी कुल पेड-अप कैपिटल का 62 प्रतिशत हिस्सा है। यदि सेक्टर के अनुसार वर्गीकरण करें तो पता चलता है कि 27 प्रतिशत रजिस्टर्ड कंपनियां बिजनेस सर्विस में हैं, जो कि सबसे अधिक है। इसके बाद 20 प्रतिशत कंपनियां मैन्युफैक्चरिंग में हैं। इसके अलावा, ट्रेडिंग एंड कम्युनिटी, पर्सनल एंड सोशल सर्विस में 13 प्रतिशत कंपनियां हैं। मंत्रालय के बयान के अनुसार, यह भी देखा गया है कि सेवा क्षेत्र में सक्रिय कंपनियों की कुल संख्या में सबसे अधिक वृद्धि हुई, उसके बाद उद्योग क्षेत्र और कृषि क्षेत्र का स्थान है। सेवा क्षेत्र में देखें तो, समुदाय, व्यक्तिगत और सामाजिक सेवा क्षेत्र में सक्रिय कंपनियों की संख्या में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई। देश में राज्यवार रजिस्टर्ड कंपनियों की सक्रियता से जुड़े आंकड़ों से पता चलता है कि सक्रिय कंपनियों की कुल संख्या में महाराष्ट्र सबसे आगे है, जबकि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली दूसरे स्थान पर है, उसके बाद उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल का स्थान है।
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