नई दिल्लीः हमें किसी शहर में होटल बुक कराना हो, रेल और हवाई जहाज में टिकट बुक करना हो आधार कार्ड की डिटेल देना जरूरी होता है। सत्यापन के लिए आधार कार्ड की फोटोकॉपी साथ रखना भी जरूरी होता है, लेकिन केंद्र सरकार ने जनता को होने वाली इस समस्या का समाधान निकाल लिया है। अब आधार के नये ऐप के माध्यम से आपके आधार कार्ड से जुड़ा सारा विवरण क्यूआर कोड स्कैन करते ही सामने आ जाएगा। आपको अपने साथ आधार कार्ड ले जाने और उसकी फोटोकॉफी जमा करके सत्यापन कराने की लंबी प्रक्रिया से मुक्ति मिल जाएगी।
केंद्र सरकार ने डिजिटल सुविधा और गोपनीयता की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम उठाया है। केंद्र ने एक नया आधार ऐप लॉन्च किया है, जो उपयोगकर्ताओं को अपने आधार विवरण को डिजिटल रूप से सत्यापित और साझा करने की सुविधा देगा। इससे आधार कार्ड साथ ले जाने या फोटोकॉपी जमा करने की आवश्यकता खत्म हो जाएगी। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आधार कार्ड के नये ऐप को आधिकारिक तौर पर दिल्ली में लॉन्च किया। उन्होंने डिजिटल क्षेत्र में नई व्यवस्थाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये नया ऐप आधार सत्यापन को आसान, तेज और अधिक सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। उन्होंने सोशल एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में कहा कि नया आधार ऐप, मोबाइल ऐप के जरिए फेस आईडी प्रमाणीकरण का कार्य करेगा। कोई भौतिक कार्ड नहीं, कोई फोटोकॉपी नहीं। उन्होंने कहा कि ऐप उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित डिजिटल माध्यमों से केवल आवश्यक डेटा साझा करने का अधिकार उनकी सहमति से देता है।
केंद्रीय मंत्री के मुताबिक अब केवल एक टैप से, उपयोगकर्ता केवल आवश्यक डेटा साझा कर सकते हैं, जिससे उन्हें अपनी व्यक्तिगत जानकारी पर पूरा नियंत्रण मिलता है। ऐप की सबसे बड़ी विशेषता फेस आईडी प्रमाणीकरण है, जो सुरक्षा को बढ़ाने के साथ-साथ सत्यापन की प्रक्रिया को सहज बनाता है। आधार सत्यापन अब केवल एक क्यूआर कोड को स्कैन करके किया जा सकता है, बिल्कुल यूपीआई भुगतान की तरह काम करेगा। यह भी लिखा कि आधार सत्यापन यूपीआई भुगतान करने जितना ही सरल हो गया है। उपयोगकर्ता अब अपनी गोपनीयता सुनिश्चित करते हुए अपने आधार विवरण को डिजिटल रूप से सत्यापित और साझा कर सकते हैं।
मंत्री के मुताबिक इस नई प्रणाली के साथ, लोगों को अब होटलों, दुकानों, हवाई अड्डों या किसी अन्य सत्यापन बिंदु पर अपने आधार कार्ड की मुद्रित प्रतियां सौंपने की आवश्यकता नहीं होगी। यह ऐप वर्तमान में अपने बीटा परीक्षण की प्रक्रिया में है। इस ऐप को हाई सिक्योरिटी फीचर्स के साथ डिजाइन किया गया है। यह सुनिश्चित करता है कि आधार विवरण में किसी भी प्रकार की जालसाजी, संपादन या किसी भी तरह से दुरुपयोग नहीं किया जा सकता है। इस ऐप के माध्यम से जानकारी सुरक्षित रूप से और केवल उपयोगकर्ता की अनुमति से ही किसी को भी साझा की जाती है।
वैष्णव ने भारत के डिजिटल भविष्य को आकार देने में एआई और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) की भूमिका पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि आधार कई सरकारी पहलों का “आधार” (नींव) है। हितधारकों को आगे के विकास को गति देने के लिए डीपीआई के साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को एकीकृत करने के तरीके सुझाने के लिए आमंत्रित किया, जबकि गोपनीयता को केंद्र में रखा गया है।
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