इन दिनों किसान बरतें सावधानियां

खबर सार : -
मानसून पूर्व ऋतु के दौरान ओलावृष्टि, मेघगर्जन, वज्रपात, आंधी-तूफान, के अलावा लू की संभावना बनी रहती है। ऐसे में किसान को चाहिए कि वह पूर्व में दिये गये निर्देशों का पालन करते रहें। किसान को चाहिए कि वह सुरक्षात्मक उपाय करें। ऐसे में जान और माल को हानि से

खबर विस्तार : -

लखनऊः मानसून पूर्व ऋतु के दौरान ओलावृष्टि, मेघगर्जन, वज्रपात, आंधी-तूफान, के अलावा लू की संभावना बनी रहती है। ऐसे में किसान को चाहिए कि वह पूर्व में दिये गये निर्देशों का पालन करते रहें। किसान को चाहिए कि वह सुरक्षात्मक उपाय करें। ऐसे में जान और माल को हानि से बचाया जा सकता है। सबसे ज्यादा जरूरी है कि किसान खेतों में या खेत के करीब पानी की उपलब्धता बनाए रखें। इस दशा में धान की रोपाई वाले क्षेत्रों में हरी खाद के लिए सनई एवं ढैंचा की बुआई भी कर सकते हैं। 

गेहूॅ की थ्रेसिंग कर भंडारण करें

 यह ऐसा समय है, जिसमें खाली खेतो में गर्मी की गहरी जुताई, मेड़ों की साफ-सफाई, आवश्यकतानुसार मेड़बंदी करें। असमतल खेतों का लेजर लेवलर द्वारा समतलीकरण भी कर सकते हैं। यदि गेहूं की तैयार फसल की कटाई अभी तक नहीं कर पायें हैं तो तत्काल करें। वर्तमान में तापमान अधिक होने के कारण गेहूॅ की थ्रेसिंग व गेहूॅ को सुखाने के लिए मौसम अनुकूल है। अतः साफ मौसम की स्थिति में शीघ्र गेहूॅ की थ्रेसिंग कर भंडारण करें। गेहूॅ के बाद यदि गन्ना बोना हो तो तत्काल सिंचाई कर ओट आने पर खेत तैयार कर बुवाई करें।

यदि संभव हो तो बीज गन्ना के लिए ऊपरी 1/3 भाग का ही प्रयोग करें। बीज गन्ना को पानी में कम से कम रात भर डाल दें। दो या तीन ऑख के टुकड़े काटकर 60 सेमी की दूरी पर इथरेल 100 पीपीएम घोलकर से उपचारित करें। वर्तमान मौसम में सब्जियों में उकठा (विल्ट) आने की संभावना है तो कार्बेन्डाजिम 1 मिली प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर स्प्रे करें तथा 10 से 12 दिन बाद दूसरा छिड़काव करें। भिंडी की फसल में सफेद मक्खी के द्वारा पीत शिरा मोजैक वायरस के प्रसार से रोग फैलता है।

इसका प्रकोप पत्तियों एवं फलों पर होता है। पौधे एवं फलों की बढ़वार रूक जाती है। फल एवं पत्तियां पीली पड़ जाती है। इसकी रोकथाम के लिए ग्रस्ति पौधे को उखाड़कर जला दें या मिट्टी में दबा दें। आम के भुनुगा कीट की रोकथाम के लिए इमिडाक्लोप्रिड 30.5 प्रतिशत एससी (3.0 मिली0/10 लीटर) एवं प्रोफेनोफास 50 प्रतिशत ईसी. (1 मिली0/लीटर) पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। वर्तमान मौसम में आम के फलों को आंतरिक ऊतक क्षय (फू्रट निक्रोसिस) से रोकथाम के लिए बोरेक्स 2 ग्राम प्रति लीटर पानी के घोल का छिड़काव करें। आम में गुम्मा व्याधि से ग्रसित बौर को निकाल कर जला दें। आम एवं अमरूद में फलमक्खी से बचाव के लिए मिथाइल यूजिनाल का छिड़काव करें। मछली पालन के लिए तालाब निर्माण कार्य भी प्रारंभ कर दें। इस महीने में तालाब में कॉमन कार्प मत्स्य बीज का संचय करें।