खेती में सुधार के लिए शुरू हुआ कृषि संकल्प अभियान

खबर सार :-
केन्द्रीय कृषि मंत्री, भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रदेश के समस्त 75 जनपदों में विकसित कृषि संकल्प अभियान 29 मई से 12 जून तक की समस्त तैयारियों तत्काल सुनिश्चित करा लिये जाएं।

खेती में सुधार के लिए शुरू हुआ कृषि संकल्प अभियान
खबर विस्तार : -

लखनऊ, अपर सचिव एवं वित्तीय सलाहकार, भारत सरकार, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना तथा कृषि की उन्न्तियोजना के अन्तर्गत संचालित कार्यक्रमों की प्रगति समीक्षा के लिए हाल में ही एक बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में तय किया गया कि किसानों को गुणवत्ता पूर्ण बीज उपलब्ध कराए जाएं। इससे उनकी तरक्की होगी, साथ ही प्रदेश का भी विकास होगा।  बैठक में राजेन्द्र कुमार सिंह, अपर कृषि निदेशक नोडल अधिकारी-पीएम आरकेवीवाई, कृषि भवन, उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा प्रदेश में केन्द्र प्रायोजित योजनाओं यथा पीएम आरके वीवाई योजनान्तर्गत घटकवार कराये जा रहे कार्यों की प्रगति, विकसित कृषि संकल्प अभियान 29 मई से 12 जून की तैयारियों के सम्बन्ध में विवरण प्रस्तुत कया गया।

बैठक में अमर नाथ मिश्रा, अपर कृषि निदेशक, नोडल अधिकारी-कृषोन्नति योजना, कृषि भवन, उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा कृषोन्नति योजना के अन्तर्गत कराये जा रहे कार्यों का प्रस्तुतीकरण किया गया। साथ ही जेपी चौधरी, संयुक्त कृषि निदेशक (अभियन्त्रण), कृषि भवन, यूपी लखनऊ द्वारा प्रदेश में फसल अवशेष प्रबन्ध के लिए किये जा रहे प्रयासों, कार्यों की अद्यतन स्थिति से भारत सरकार से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया। अपर सचिव, भारत सरकार द्वारा निर्देश दिये गये कि पीएम आरकेवीवाई एवं कृषोन्नति योजनाओं के अन्तर्गत कराये जा रहे कार्यों की प्रगति का संज्ञान लिया गया तथा प्रदेश स्तर पर किये जा रहे प्रयासों की सराहना की गयी। अपर सचिव, भारत सरकार द्वारा योजनाओं के अन्तर्गत कार्यों में सुधार के लिए निर्देश भी दिये गये।

केन्द्र प्रायोजित योजनाओं के एमआईएस एवं कृषि मैपर पोर्टल पर अद्यतन सूचनाएं अपडेट करायी जाएं। पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत लम्बित शिकायतों का निस्तारण तेजी के साथ पूर्ण करा लिये जाएं। प्रदेश में किसानों को गुणवत्तायुक्त बीज एवं पौध रोपड़ तथा उर्वरक आदि की व्यवस्थाएं सही समय सुनिश्चित करायी जाएं। उत्तर प्रदेश में शहद  सहउत्पादन की अपार सम्भावनाएं हैं। इसके लिए बी-कीपिंग से सम्बन्धित योजनाओं को बढ़ावा दिया जाय। फसल बीमा योजनान्तर्गत अधिक से अधिक फसलों एवं किसानों का आच्छादन सुनिश्चित कराया जाये। कृषि उत्पादों के सुनिश्चित विपणन के साथ-साथ उत्पादक कृषकों को अधिक से अधिक मूल्य उपलब्ध कराने की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाय।
 

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