Sheikh Hasina Verdict: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा, कोर्ट ने 1400 हत्याओं का माना दोषी

खबर सार :-
Sheikh Hasina Verdict LIVE: इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (ICT) ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मानवता के विरुद्ध गंभीर अपराधों का दोषी पाया है। न्यायमूर्ति गुलाम मुर्तजा की अध्यक्षता वाले तीन जजों के न्यायाधिकरण ने 400 पृष्ठों के छह भागों में अपना फैसला सुनाया।

Sheikh Hasina Verdict: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा, कोर्ट ने 1400 हत्याओं का माना दोषी
खबर विस्तार : -

Sheikh Hasina Verdict LIVE: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई गई है। उन्हें  ढाका की इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (ICT) मानवता के विरुद्ध अपराधों का दोषी ठहराया है। बांग्लादेश कोर्ट ने उन्हें 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान हुई करीब 1400 हत्याओं का मास्टरमाइंड बताया। कोर्ट ने हसीना को हत्याओं के लिए उकसाने और आदेश देने का दोषी पाया गया है। 

Sheikh Hasina Verdict: ICT ने कई मामलों में पाया दोषी 

अदालत ने दूसरे आरोपी, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान को 12 लोगों की हत्या का दोषी पाया और उन्हें भी मौत की सजा सुनाई। तीसरे आरोपी, पूर्व पुलिस महानिरीक्षक अब्दुल्ला अल-मामून को पांच साल कैद की सजा सुनाई गई है। मामून सरकारी गवाह बन चुके हैं। कोर्ट ने हसीना और असदुज्जमां कमाल की संपत्तियां जब्त कर ली है। फिलहाल दोनों नेता बांग्लादेश से फरार हैं और पिछले 15 महीने से भारत में रह रहे हैं।

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना मानवता के विरुद्ध अपराधों और हत्या सहित पांच मामले चल रहे थे, जिन पर तीन सदस्यीय ट्राइब्यूनल ने अपना 453 पृष्ठों का फैसला सुनाया है। ICT ने उन्हें विभिन्न मामलों में दोषी पाया और मौत की सजा सुनाई। ट्राइब्यूनल का नेतृत्व न्यायमूर्ति मोहम्मद गुलाम मुर्तजा मजूमदार कर रहे थे। आईसीटी न्यायाधीश के अनुसार, मामला काफी बड़ा था, इसलिए फैसला 6 भागों में सुनाया गया।

ICT ने जुलाई-अगस्त 2024 के विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा और हत्याओं के लिए शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई है। फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा कि हसीना कड़ी से कड़ी सजा की हकदार हैं। कोर्ट ने शेख हसीना को तीन मामलों में दोषी ठहराया, जिनमें न्याय में बाधा डालना, हत्याओं का आदेश देना और दंडात्मक हत्याओं को रोकने के लिए कदम न उठाना शामिल है। हसीना के अलावा दो अन्य, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून पर मानवता के विरुद्ध अपराधों का मुकदमा चलाया गया। 

Sheikh Hasina Verdict: जानें कोर्ट ने क्या कुछ कहा

बांग्लादेश आईटीसी ने कहा, "आरोपी प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने भड़काऊ आदेश के ज़रिए मानवता के ख़िलाफ़ अपराध किए और आरोप संख्या 1 के तहत निवारक और दंडात्मक उपाय करने में भी विफल रहीं।" कोर्ट ने आगे कहा, "आरोपी शेख हसीना ने ड्रोन, हेलीकॉप्टर और घातक हथियारों के इस्तेमाल का आदेश देकर आरोप संख्या 2 के तहत मानवता के ख़िलाफ अपराध किया है।" कोर्ट ने कहा, "मानवता के ख़िलाफ़ अपराध की सभी हदें पार कर दी गई हैं।" फ़ैसले का राष्ट्रीय टेलीविजन पर सीधा प्रसारण किया गया। अदालत ने अपने फ़ैसले में कहा कि साक्ष्य यह भी दर्शाते हैं कि हसीना ने सरकार की आलोचना करने के लिए कई पत्रकारों, राजनेताओं और कार्यकर्ताओं को उनके पदों से हटा दिया था।

बांग्लादेश में भड़की हिंसा में 1,400 लोगों की हुई थी मौत

ट्रिब्यूनल के मुताबिक करीब 1,400 लोग मारे गए और 11,000 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया और गिरफ्तार किया गया। न्यायाधिकरण ने कड़ी टिप्पणी की कि संयुक्त राष्ट्र ने भी पाया है कि हिरासत में यातनाएं राजनीतिक नेतृत्व के निर्देश पर दी गईं। ऐसी घटनाओं की कई रिपोर्टें हैं। बड़ी संख्या में ऐसे वीडियो भी ज़ब्त किए गए हैं और उनकी जांच की जा रही है।

Sheikh Hasina Verdict: जुलाई 2024 में भड़की थी हिंसा

गौरतलब है कि जुलाई 2024 में आर्थिक तंगी, भ्रष्टाचार और रोजगार संकट से उपजे छात्र-नेतृत्व वाले विद्रोह के कारण शेख़ हसीना की सरकार गिर गई। 5 अगस्त को, वह भारत भाग गईं और बांग्लादेश में यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार सत्ता में आई। बाद में संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान लगभग 1,400 लोग मारे गए थे।

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