विश्व एड्स दिवस पर निकली जागरूकता रैली, मुख्य चिकित्साधिकारी ने दिखाई हरी झंडी

खबर सार :-
जिले में विश्व एड्स दिवस पर एक जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। इस रैली के माध्यम से लोगों को एचआईवी संक्रमण के बारे में जानकारी दी गई और बताया गया ये संक्रमण किन-किन माध्यमों से फैल सकता है। साथ ही मुख्य चिकित्साधिकारी ने लोगों से अपील की है कि किसी के साथ भेदभाव करना उचित नहीं है।

विश्व एड्स दिवस पर निकली जागरूकता रैली, मुख्य चिकित्साधिकारी ने दिखाई हरी झंडी
खबर विस्तार : -

सोनभद्रः विश्व एड्स दिवस के अवसर पर जन-जागरूकता बढ़ाने हेतु आज मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय से भव्य जन-जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्साधिकारी, सोनभद्र ने हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया। रैली रॉबर्ट्सगंज शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए महिला थाना, काशीराम आवास से गुजरकर जिला क्षय रोग कार्यालय पहुँची, जहाँ यह एक गोष्ठी में परिवर्तित हो गई।

छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक लिया भाग

रैली में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम, उत्तर प्रदेश एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के समस्त कर्मचारी तथा कीर्ति पॉलिटेक्निक नर्सिंग कॉलेज, रॉबर्ट्सगंज के छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस वर्ष की थीम “बाधाएँ दरकिनार, एचआईवी पर सशक्त प्रहार” पर ओमप्रकाश पांडे कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल एंड साइंसेज में गोष्ठी तथा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया। मुख्य चिकित्साधिकारी ने एचआईवी/एड्स की रोकथाम, लक्षण एवं बचाव पर विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि “जागरूकता ही बचाव है।” 

सरल भाषा में लोगों को दी जानकारी

उन्होंने बताया कि टीबी रोगियों में एचआईवी संक्रमण की संभावना अधिक होती है, इसलिए सभी की जाँच अनिवार्य रूप से कराई जानी चाहिए। एचआईवी की जाँच सभी प्राथमिक/सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क उपलब्ध है तथा संक्रमित मरीज का उपचार अन्य रोगियों की तरह ही किया जाता है। कार्यक्रम में उपस्थित वक्ताओं ने एचआईवी के संक्रमण फैलने और न फैलने के तरीकों को सरल भाषा में समझाया। उन्होंने बताया कि संक्रमण—

असुरक्षित यौन संबंध,

 संक्रमित रक्त चढ़ाने,

संक्रमित सुई/सीरिंज के साझा प्रयोग,

एवं संक्रमित माँ से बच्चे में—फैल सकता है।

वहीं हाथ मिलाने, साथ रहने, कपड़े या भोजन साझा करने, मच्छर काटने या स्विमिंग पूल के उपयोग से एचआईवी नहीं फैलता है। मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि संक्रमण से बचाव के लिए सुरक्षित यौन संबंध, कंडोम का प्रयोग, जांचे-परखे रक्त का उपयोग, नई सीलबंद सुई-सीरिंज का प्रयोग जरूरी है। सभी गर्भवती महिलाओं को एचआईवी की निःशुल्क जाँच करानी चाहिए तथा संक्रमित माँ का प्रसव चिकित्सा पर्यवेक्षण में होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों के साथ भेदभाव न करें, क्योंकि हर व्यक्ति को सम्मान और गरिमा के साथ जीने का अधिकार है।

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