शाहजहांपुर में बैंक शाखा प्रबंधकों के साथ साइबर सुरक्षा पर गोष्ठी आयोजित

खबर सार :-
शाहजहांपुर में पुलिस लाइन्स सभागार में बैंक शाखा प्रबंधकों के साथ साइबर सुरक्षा गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी का उद्देश्य साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और बैंक-पुलिस समन्वय को सुदृढ़ करना था। साइबर धोखाधड़ी से बचने के उपायों पर चर्चा हुई।

शाहजहांपुर में बैंक शाखा प्रबंधकों के साथ साइबर सुरक्षा पर गोष्ठी आयोजित
खबर विस्तार : -

शाहजहांपुर: आज पुलिस लाइन्स सभागार में जनपद के विभिन्न बैंकों के शाखा प्रबंधकों के साथ एक अहम साइबर सुरक्षा गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी में पुलिस अधीक्षक नगर, क्षेत्राधिकारी साइबर क्राइम, साइबर थाना और साइबर सेल के अधिकारी, प्रतिसार निरीक्षक, तथा प्रमुख बैंक शाखा प्रबंधक उपस्थित रहे।

गोष्ठी का उद्देश्य

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बैंकिंग क्षेत्र में बढ़ते साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता फैलाना, बैंक-पुलिस समन्वय को सुदृढ़ करना और वित्तीय धोखाधड़ी की रोकथाम के लिए प्रभावी रणनीति तैयार करना था। पुलिस अधीक्षक ने अपने संबोधन में कहा, 'साइबर अपराध आज के समय में वित्तीय क्षेत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका है। ऐसे में सतर्कता, जागरूकता और त्वरित कार्यवाही से ही इन अपराधों से बचा जा सकता है।' उन्होंने साइबर अपराधों की बढ़ती प्रवृत्तियों और उनसे निपटने के उपायों पर विशेष ध्यान आकर्षित किया।

साइबर अपराधों के प्रमुख पहलू

गोष्ठी में यह भी बताया गया कि जनपद के कई बैंक शाखाओं में म्यूल अकाउंट्स संचालित हो रहे हैं, जो साइबर अपराध में शामिल हैं। साथ ही, यह भी कहा गया कि संदिग्ध बैंक कर्मचारियों की पहचान कर उनके खिलाफ उचित कार्यवाही की जाए। पुलिस अधीक्षक ने यह भी बताया कि साइबर अपराध के मामलों में त्वरित कार्यवाही से पीड़ित व्यक्ति के पैसे वापस हो सकते हैं और अपराधियों को पकड़ा जा सकता है। इसके अलावा, उन्होंने बैंकों को निर्देशित किया कि वह हर लेन-देन के लिए KYC प्रक्रिया को सुनिश्चित करें, विशेषकर जब किसी ग्राहक द्वारा 50,000 रुपये से अधिक की राशि निकाली जाती हो।

साइबर धोखाधड़ी के तरीके

गोष्ठी में साइबर धोखाधड़ी की बढ़ती प्रवृत्तियों पर भी चर्चा की गई। इसमें OTP फ्रॉड, फर्जी KYC अपडेट कॉल/लिंक, फिशिंग लिंक (बैंक/आयकर के नाम पर), SIM Swap धोखाधड़ी और सोशल इंजीनियरिंग धोखाधड़ी जैसी प्रवृत्तियों का उल्लेख किया गया।

साइबर सुरक्षा के लिए बैंकों को दिए गए निर्देश

बैंकों को म्यूल खातों, संदिग्ध KYC और डोरमंट खातों के गलत सक्रियण से बचने की सलाह दी गई। इसके अलावा, बैंकों में CCTV कैमरे और अलार्म सिस्टम को सही तरीके से कार्यरत रखने का निर्देश भी दिया गया। बैंकों को RBI के Financial Fraud Risk Indicator (FRI) सिस्टम का पालन करने के लिए भी कहा गया।

जनता के लिए साइबर सुरक्षा सलाह

गोष्ठी में जनता को साइबर सुरक्षा के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए, जैसे कि OTP या पासवर्ड किसी को न देना, KYC केवल बैंक शाखा में ही कराना, संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करना, और सार्वजनिक Wi-Fi का उपयोग सावधानी से करना। यदि साइबर धोखाधड़ी हो तो तुरंत हेल्पलाइन 1930 या cybercrime.gov.in पर शिकायत करने का भी आग्रह किया गया। गोष्ठी ने यह स्पष्ट किया कि साइबर अपराधों से निपटने के लिए बैंकों, पुलिस और आम जनता का मिलकर काम करना बेहद जरूरी है। बैंकों को अपनी साइबर सुरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाना होगा, वहीं आम जनता को इन धोखाधड़ी के तरीकों से अवगत कराना भी आवश्यक है।

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