बांदाः पुलिस और न्यायालय के गठजोड़ में फर्जी जमानत के बड़े खुलासे

खबर सार :-
बांदा में पुलिस और न्यायालय के गठजोड़ में पेशेवर जमानतदारों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के जरिए कई अभियुक्तों की जमानत लेने का मामला सामने आया है। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनके पास से 35 आधार कार्ड और फर्जी दस्तावेज बनाने का सामान बरामद हुआ है।

बांदाः पुलिस और न्यायालय के गठजोड़ में फर्जी जमानत के बड़े खुलासे
खबर विस्तार : -

बांदा : पुलिस और न्यायालय के गठजोड़ से जुड़े एक गंभीर मामले का खुलासा हुआ है, जिसमें पेशेवर जमानतदारों ने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके कई अभियुक्तों की जमानतें ली थीं। इस मामले में तिन्दवारी पुलिस ने तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से कई फर्जी दस्तावेज़ बरामद किए हैं।

मामला क्या है?

पुलिस अधीक्षक शिवराज के मुताबिक, इन पेशेवर जमानतदारों ने फर्जी आधार कार्ड, खसरा खतौनी, और अन्य नकली कागजात के आधार पर बांदा जिले के विभिन्न थानों और आसपास के क्षेत्रों में कई अभियुक्तों के लिए जमानतें लीं। गिरफ्तार अभियुक्तों में हरिशंकर, हेमन्त और बलवीर शामिल हैं। पुलिस ने उनके पास से 35 आधार कार्ड, कंप्यूटर सेट, प्रिंटर, और अन्य फर्जी दस्तावेज़ तैयार करने का सामान बरामद किया।

यह सब कैसे हुआ?

यह मामला 12 नवंबर को सामने आया, जब तिन्दवारी थाना क्षेत्र में कार्यरत उ.नि. शिवकरन सिंह ने फर्जी जमानत के बारे में शिकायत की थी। शिकायत में बताया गया था कि कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने उनके नाम पर फर्जी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों का इस्तेमाल करते हुए एनडीपीएस मामलों के अभियुक्तों के लिए जमानत ली। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में तकनीकी साक्ष्य जुटाए और जांच में तेजी लाकर कई गिरफ्तारियां की।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने छानबीन और मुखबिर की सूचना के आधार पर हरिशंकर को गिरफ्तार किया और पूछताछ के दौरान पता चला कि इस फर्जी जमानत का पूरा खेल शिवस्वरुप उर्फ मास्टर और रामबाबू के साथ मिलकर चलाया जा रहा था। गिरफ्तार अभियुक्तों के जरिए अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी भी की गई। हालांकि, इस मामले में दो प्रमुख अभियुक्त शिवस्वरुप उर्फ मास्टर और रामबाबू अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है, और जल्द ही उनकी गिरफ्तारी का दावा किया जा रहा है। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से 35 आधार कार्ड, अन्य फर्जी कागजात, एक सीपीयू, एक प्रिंटर, एक कीबोर्ड, एक माउस, और एक टीएफटी सहित फर्जी दस्तावेज तैयार करने के उपकरण बरामद हुए हैं। यह पूरी घटना न्यायालय और पुलिस की छवि को धक्का पहुंचाने वाली है, और इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

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