बंगाल विधानसभा में BJP-TMC के विधायक भिड़े, जमकर हुई हाथापाई, शंकर घोष और अग्निमित्रा निलंबित

खबर सार :-
West Bengal Assembly Session Live: पश्चिम बंगाल विधानसभा में भारी हंगामा हुआ। बंगाली प्रवासियों पर अत्याचारों पर सत्तारूढ़ दल के प्रस्ताव पर चर्चा हो रही थी। इसी दौरान भाजपा ने नारेबाजी शुरू कर दी।

बंगाल विधानसभा में BJP-TMC के विधायक भिड़े, जमकर हुई हाथापाई, शंकर घोष और अग्निमित्रा निलंबित
खबर विस्तार : -

West Bengal Assembly Session Live: पश्चिम बंगाल विधानसभा में गुरुवार को भारी हंगामा हुआ। इस दौरान सत्तारूढ़ TMC और विपक्षी BJP विधायक आपस में भिड़ गए। सदन के अंदर दोनों दलों के नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक हुई। विधानसभा अध्यक्ष को मार्शल बुलाकर सभी को बाहर करवाना पड़ा। इसके बाद स्पीकर के सचेतक भाजपा शंकर घोष को निलंबित कर दिया गया।

BJP के दो विधायकों को किया निलंबित

दरअसल, पश्चिम बंगाल की  सीएम ममता बनर्जी विधानसभा में वोटर लिस्ट (SIR) में गड़बड़ी को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साध रही थीं। उन्होंने बीजेपी को भ्रष्ट और वोट चोरों की पार्टी है। साथ ही बीजेपी को बांग्ला और बंगाल विरोधी बताया। वहीं मुख्यमंत्री के बयान पर भाजपा ने आपत्ति जताई और हंगामा शुरू कर दिया। हालांकि अध्यक्ष ने उन्हें रोकने की कोशिश की।  बार-बार चेतावनी के बावजूद, कथित अनुशासनहीनता के कारण BJP विधायक शंकर घोष और अग्निमित्रा पॉल को निलंबित कर दिया गया और मार्शलों को बुलाकर भाजपा विधायकों को बाहर निकलवा दिया।

सीएम ने संभाला मोर्चा

इस दौरान घोष जमीन पर बैठ गए और मार्शलों के साथ उनकी धक्का-मुक्की भी हुई। कई विधायकों ने कागज फाड़कर फेंकने शुरू कर दिए। इससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। आखिरकार मार्शलों ने घोष को जबरन बाहर निकाल दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद सदन में आईं और तृणमूल विधायकों को शांत कराया। 

उन्होंने पहले मंत्री अरूप विश्वास को जिम्मेदारी सौंपी और फिर खुद हस्तक्षेप करते हुए पार्टी विधायकों को अपनी सीटों पर बैठने को कहा। जब तृणमूल विधायक शांत हुए तो भाजपा विधायक अग्निमित्र पॉल ने फिर हंगामा शुरू कर दिया और मंगलवार को विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के निलंबन का मुद्दा उठाकर कड़ा विरोध जताया। इसके बाद अध्यक्ष ने अग्निमित्र को भी सदन से निलंबित कर दिया।

1 सितंबर से बुलाया गया था तीन दिवसीय विशेष सत्र

बता दें कि ममता सरकार ने 1 सितंबर से तीन दिवसीय विशेष सत्र बुलाया था। लेकिन 3 सितंबर को करम पूजा के कारण राजकीय अवकाश होने के कारण सत्र को एक दिन यानी 4 सितंबर तक बढ़ा दिया गया था। लेकिन जैसे ही सीएम ममता ने सदन में अपना बयान शुरू किया, BJP विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। जिसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

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