RSS के 100 साल पूरे:  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर डाक टिकट और सिक्के जारी, PM Modi ने बताया क्यों है खास

खबर सार :-
RSS completes 100 years: केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा 1925 में नागपुर में स्थापित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) अपने स्वयंसेवी सामाजिक और सेवा कार्यों के लिए जाना जाता है।

RSS के 100 साल पूरे:  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर डाक टिकट और सिक्के जारी, PM Modi ने बताया क्यों है खास
खबर विस्तार : -

PM Modi RSS: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया डाक टिकट और 100 रुपये का स्मारक सिक्का जारी किया। इस अवसर पर, पीएम ने देशवासियों को नवरात्रि और विजयादशमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पीढ़ी आरएसएस के शताब्दी वर्ष जैसे महत्वपूर्ण अवसर का साक्षी बनने का सौभाग्य प्राप्त कर रही है।

इस दौरान समारोह को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने RSS की 100 वर्ष की यात्रा को त्याग, निस्वार्थ सेवा और राष्ट्र निर्माण का एक अद्भुत उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि विजयादशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और इसी दिन 1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने आरएसएस की स्थापना की थी।  पीएम मोदी ने कहा, "आरएसएस की स्थापना एक संयोग नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा को पुनर्जीवित करने का एक संगठित प्रयास था। यह राष्ट्रीय चेतना का एक सद्गुणी अवतार था।" 

RSS के 100 वर्ष होने पर PM Modi ने क्या  कहा-

पीएम मोदी ने कहा- स्मृति डाक टिकट की भी अपनी महत्ता है। हम सभी जानते हैं 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के परेड की कितनी अहमियत होती है। 1963 में आरएसएस के स्वयंसेवक भी 26 जनवरी की उस राष्ट्रीय परेड में शामिल हुए थे। उन्होंने आन बान शान से राष्ट्रभक्ति की धुन पर कदमताल किया है। इस टिकट में उसी ऐतिहासिक क्षण की स्मृति है। संघ के स्वयंसेवक जो अनवरत देश की सेवा में जुटे हैं, समाज को सशक्त कर रहे हैं, इसकी भी झलक डाक टिकट में है।

इस ऐतिहासिक अवसर पर, भारत सरकार ने 100 रुपये का स्मारक सिक्का और एक विशेष डाक टिकट जारी किया। सिक्के के एक ओर राष्ट्रीय प्रतीक और दूसरी ओर भारत माता की भव्य छवि अंकित है। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार किसी करेंसी नोट पर भारत माता की छवि अंकित है। यह डाक टिकट 1963 के उस क्षण को दर्शाता है जब आरएसएस के स्वयंसेवकों ने पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में भाग लिया था।

PM Modi ने कहा कि संघ ने अपने कार्यकर्ताओं के अनुशासन और समर्पण के माध्यम से समाज के हर पहलू को छुआ है। उन्होंने कहा, "कृषि, विज्ञान, आदिवासी कल्याण, महिला सशक्तिकरण, समाज सेवा या श्रमिक कल्याण - संघ की भावना हर क्षेत्र में प्रवाहित हुई है। संघ का उद्देश्य राष्ट्र निर्माण है और नित्य शाखा इसकी कार्यपद्धति का आधार है।"

संघ पर जारी सिक्के में क्या है खास

प्रधानमंत्री द्वारा जारी स्मारक सिक्के में RSS के स्वयंसेवक भारत माता के समक्ष पारंपरिक मुद्रा में खड़े दिखाई दे रहे हैं। सिक्के के पिछले भाग में भारत माता सिंह पर विराजमान हैं और तीन स्वयंसेवक देवी को प्रणाम कर रहे हैं, जबकि अगले भाग में अशोक स्तंभ पर सिंह अंकित है। यह आरएसएस स्मारक सिक्का शुद्ध चांदी से बना है और इसका मूल्य 100 रुपये है। इस सिक्के पर आरएसएस का आदर्श वाक्य भी अंकित है: "राष्ट्राय स्वाहा, इदं राष्ट्राय इदं न मम्।"

1925 में विजयादशमी पर हुई थी संघ की स्थापना

उल्लेखनीय है कि संघ की स्थापना 1925 में विजयादशमी के दिन नागपुर में हुई थी। तब से संघ समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय रहा है और इसके स्वयंसेवकों की सेवा भावना ने इसे विश्व का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन बना दिया है।

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