New Chief Justice of India: जस्टिस सूर्यकांत ने मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली, बने भारत के 53वें चीफ जस्टिस

खबर सार :-
New Chief Justice of India: जस्टिस सूर्यकांत ने 24 नवंबर, 2025 को भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उनका कार्यकाल 9 फरवरी, 2027 तक रहेगा। जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी, 1962 को हिसार में हुआ था। उनका करियर असाधारण रहा, और वह पहले हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे।

New Chief Justice of India: जस्टिस सूर्यकांत ने मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली, बने भारत के 53वें चीफ जस्टिस
खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः भारत के न्यायिक इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। 24 नवंबर, 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस सूर्यकांत को देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ दिलाई। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, और अन्य उच्च पदस्थ नेताओं की उपस्थिति रही।

New Chief Justice of India: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस कर चुके हैं 

जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल 9 फरवरी, 2027 तक रहेगा, जब वह 65 वर्ष के हो जाएंगे। उनका जन्म 10 फरवरी, 1962 को हरियाणा के हिसार जिले में हुआ था। जस्टिस सूर्यकांत के शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व सीजेआई बीआर गवई ने अपने विदाई भाषण में जस्टिस सूर्यकांत के साथ अपनी गहरी दोस्ती का उल्लेख किया और बताया कि दोनों का परिवार बेहद सामान्य था। सीजेआई सूर्यकांत का करियर असाधारण रहा है। उन्होंने 1981 में हिसार के गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और 1984 में रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से कानून में डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने हिसार में कानून की प्रैक्टिस शुरू की और 1985 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की।

New Chief Justice of India: हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल बने

साल 2000 में वह हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल बने। 2011 में उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से कानून में मास्टर डिग्री प्राप्त की और उसे डिस्टिंक्शन के साथ फर्स्ट क्लास फर्स्ट के रूप में पास किया। 2018 में उन्हें हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त किया गया और 2019 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने। अब, वह देश के सबसे उच्च न्यायिक पद पर आसीन हो गए हैं। जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल न्यायिक सुधारों, सामाजिक न्याय और संविधान की रक्षा में एक नई दिशा देने के रूप में देखा जा सकता है।
 

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