Maratha Reservation:  मनोज जारांगे ने खत्म किया आंदोलन, सरकार ने मानी सभी मांगे

खबर सार :-
मराठा आरक्षण के लिए चल रहा आंदोलन आज समाप्त हो गया। देवेंद्र फडणवीस सरकार के आश्वासन के बाद आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जारंगे पाटिल ने यह घोषणा की। शाम को राज्य सरकार के मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने अपने हाथों से जूस पिलाकर अनशन को खत्म कराया। इसके बाद मनोज जरांगे ने कार्यकर्ताओं को शांतिपूर्वक घर लौटने की अपील की।

Maratha Reservation:  मनोज जारांगे ने खत्म किया आंदोलन, सरकार ने मानी सभी मांगे
खबर विस्तार : -

Maratha Reservation: महाराष्ट्र के मुंबई स्थित आज़ाद मैदान में पिछले पाँच दिनों से मराठा आरक्षण की माँग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल ने मंगलवार को अपना आंदोलन और भूख हड़ताल वापस ले ली। जरांगे पाटिल ने शाम को राज्य सरकार के मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल के हाथों जूस पीकर अपनी भूख हड़ताल समाप्त की। इसके बाद जरांगे पाटिल ने सभी कार्यकर्ताओं से शांतिपूर्वक घर लौटने की अपील की। ​​इसके बाद मंत्री पाटिल ने मनोज जरांगे समेत सभी मराठा कार्यकर्ताओं को उनकी माँगें पूरी होने पर बधाई दी।

सरकार ने मानी मांगें

महाराष्ट्र के मंत्री और कैबिनेट उप-समिति के प्रमुख राधाकृष्ण विखे पाटिल, मंत्री शिवेंद्रराजे भोसले, मंत्री माणिकराव कोकाटे, मंत्री प्रताप सरनाईक, माणिकराव कोकाटे आज मनोज जरांगे से मिलने गए। राधाकृष्ण ने मनोज जरांगे को मराठा आरक्षण और माँगों पर कैबिनेट उप-समिति द्वारा लिए गए निर्णय की प्रति दिखाई। इसके बाद जरांगे ने कार्यकर्ताओं से कहा कि राज्य सरकार ने हमारी माँगें मान ली हैं। हमारी पहली माँग थी कि हैदराबाद राजपत्र को तुरंत लागू किया जाए। उप-समिति ने हैदराबाद राजपत्र लागू करने की मांग को मंज़ूरी दे दी है, यानी उप-समिति हैदराबाद राजपत्र लागू करने के निर्देश देगी। हमने सातारा राजपत्र को लेकर मांग की थी, यानी पश्चिमी महाराष्ट्र मराठा के अंतर्गत आता है। औंध और सातारा में कुछ त्रुटियाँ हैं। इस बारे में सरकार ने कहा कि अगले 15 दिनों में क़ानूनी त्रुटि का अध्ययन किया जाएगा और उसे लागू किया जाएगा।

सरकार दो महीने में लेगी फैसला

मराठा नेता जारंगे ने कहा कि मंत्री शिवेंद्र राजे ने ख़ुद इसकी गारंटी दी है। हमारी मांग मराठा प्रदर्शनकारियों के मुक़दमे वापस लेने की थी। अब सितंबर के अंत तक सभी मुक़दमे वापस लेने का सरकारी फ़ैसला जारी हो जाएगा, यह एक लंबी प्रक्रिया है। हमने 58 लाख अभिलेखों का मुद्दा उठाया है। सरकार ने इस मांग पर सरकारी फ़ैसला लेने का आश्वासन दिया है। इसी तरह, उनकी मांग के अनुसार, सरकार ने तहसील स्तर पर वंशावली समिति बनाने का भी फ़ैसला किया है। सरकार की ओर से उन्हें आश्वासन दिया गया है कि मराठा समाज के लोगों को कुनबी प्रमाण पत्र देने के बारे में सरकार दो महीने में फ़ैसला लेगी, ऐसा आश्वासन उन्हें दिया गया है। इसके बाद मराठा कार्यकर्ताओं की सहमति से मनोज जारंगे ने अपनी भूख हड़ताल वापस ले ली।

कोर्ट ने कहा नियमों का हुआ उल्लंघन

हाईकोर्ट ने कहा कि आंदोलन के कारण कई नियमों का पालन नहीं किया गया। यह भी देखा गया कि लोगों ने अपने वाहन कहीं भी पार्क कर दिए, जिससे यातायात की समस्या हुई और मुंबई के लोगों को इसका सामना करना पड़ा। कोर्ट ने राज्य सरकार से भी पूछा कि आपने स्थिति को इस हद तक क्यों पहुँचने दिया? आपने ऐसा क्या किया कि यातायात न हो, लोग इधर-उधर अपने वाहन न खड़े करें।

मराठा आंदोलनकारियों ने कल रात आज़ाद मैदान में विरोध प्रदर्शन जारी रखने के लिए पुलिस से अनुमति बढ़ाने की माँग की थी, जिसे आज सुबह मुंबई पुलिस ने खारिज कर दिया। इसके बाद आंदोलनकारियों ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी, जहाँ उनकी ओर से एडवोकेट सतीश मानशिंदे पेश हुए।

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