Justice Surya Kant : भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के सामने चुनौतीपूर्ण मामले, आगामी 14 महीने में करने होंगे महत्वपूर्ण निर्णय

खबर सार :-
Justice Surya Kant : भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत आज शपथ लेकर अपने 14 महीने के कार्यकाल की शुरुआत कर चुके हैं। उनके सामने कई बड़े संवैधानिक और सामाजिक न्याय से जुड़े मुद्दे होंगे, जिनमें SIR, वक्फ एक्ट, प्रदूषण और तलाक-ए-हसन जैसे मामले प्रमुख हैं।

Justice Surya Kant : भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के सामने चुनौतीपूर्ण मामले, आगामी 14 महीने में करने होंगे महत्वपूर्ण निर्णय
खबर विस्तार : -

Justice Surya Kant  शपथ लेते भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) बन गए। इस तरह उनके उनका कार्यकाल 14 महीने का होगा, जो फरवरी 2027 में समाप्त होगा। उनके सामने विभिन्न संवैधानिक और सामाजिक न्याय से जुड़े कई जटिल मामलों पर फैसला सुनाने की जिम्मेदारी रहेगी। जिनमें SIR ’वक्फ एक्ट’, प्रदूषण, और तलाक ए हसन जैसे जरूरी और अहम मामले शामिल हैं। इन मामलों में उनके निर्णय देश की न्यायिक धारा को प्रभावित करेंगे।

Justice Surya Kant : चुनौतियां और अहम मामलों की सुनवाई

1. SIR और वक्फ एक्ट: देशभर में SIR (Special Intensive Revision) का विरोध हो रहा है, जिससे यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचार के लिए पहुंच चुका है। इसके अलावा, वक्फ एक्ट जैसे संवैधानिक मुद्दे भी उनके समक्ष आएंगे।

2. तलाक-ए-हसन: यह मामला विशेष रूप से चर्चा में है, जहां पुरुष तीन महीने के भीतर एक-एक बार तलाक देकर शादी को समाप्त कर सकता है। इसके वैधानिकता पर सवाल उठाए गए हैं। जस्टिस सूर्यकांत के लिए इसका फैसला चुनौतीपूर्ण होगा।

3. प्रदूषणः दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति में सुधार को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई भी एक महत्वपूर्ण चुनौती होगी।

Justice Surya Kant : अहम फैसले में रोल

जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के फैसले को बरकरार रखा था और बिहार के एसआईआर मामले में भी अहम दिशा-निर्देश दिए थे। साथ ही, पेगासस जासूसी मामले में उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर सरकार को असीमित अधिकार देने के खिलाफ अपनी राय दी थी।

Justice Surya Kant : उपलब्धियां और दृष्टिकोण

जस्टिस सूर्यकांत ने न्यायिक क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता से कई महत्वपूर्ण मामलों में फैसला सुनाया है। उनकी भूमिका संविधान और सामाजिक न्याय से जुड़े मामलों में बेहद महत्वपूर्ण रही है। CJI के रूप में, उनकी नीतियों और निर्णयों का भविष्य में गहरा प्रभाव पड़ेगा।
 

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