Fastag Annual Toll Pass: एनएचएआई ने जारी किए 5 लाख से अधिक फास्टैग एनुअल टोल पास, 150 करोड़ रुपए का राजस्व जुटाया

खबर सार :-
एनएचएआई की फास्टैग एनुअल टोल पास योजना ने चार दिनों में 5 लाख से अधिक पास जारी कर 150 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया है। यह पहल भारतीय सड़कों पर टोल संग्रह प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। आने वाले समय में यह योजना यात्रियों को सुगम और किफायती यात्रा का अनुभव प्रदान करेगी।

Fastag Annual Toll Pass: एनएचएआई ने जारी किए 5 लाख से अधिक फास्टैग एनुअल टोल पास, 150 करोड़ रुपए का राजस्व जुटाया
खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने अपनी फास्टैग-आधारित वार्षिक टोल पास योजना के तहत मात्र चार दिनों में 5 लाख से अधिक पास जारी किए हैं, जिससे 150 करोड़ रुपए का राजस्व जुटाया गया है। यह पहल राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात को सुगम बनाने और टोल शुल्क के संग्रह में पारदर्शिता लाने के लिए की गई है।

तमिलनाडु, कर्नाटक और हरियाणा में सबसे अधिक खरीदारी

एनएचएआई ने बताया कि चार दिनों में सबसे अधिक एनुअल टोल पास तमिलनाडु में खरीदे गए, उसके बाद कर्नाटक और हरियाणा का स्थान रहा। ये पास विशेष रूप से निजी वाहनों के लिए बनाए गए हैं, जो राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर टोल प्लाजा से बिना रुके और बिना किसी परेशानी के यात्रा कर सकते हैं।

एनुअल टोल पास की कीमत और वैधता

हर एक फास्टैग एनुअल टोल पास की कीमत 3,000 रुपये है, और यह एक वर्ष या 200 टोल ट्रिप तक वैध रहता है, जो भी पहले पूरा हो। इस पास का उद्देश्य यात्रियों को टोल शुल्क में राहत प्रदान करना और वाहन चालकों को एक पारदर्शी और सुविधाजनक यात्रा अनुभव प्रदान करना है। सीमा पूरी होने के बाद, यह फास्टैग स्वचालित रूप से स्टैंडर्ड पे-पर-ट्रिप मोड में बदल जाता है।

फास्टैग के लाभ और कार्यप्रणाली

एनएचएआई के अनुसार, यह फास्टैग सिस्टम न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक है, बल्कि यह टोल प्लाजा पर लंबी कतारों को भी कम करता है। इसके अलावा, एनएचएआई और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की वेबसाइटों या अधिकृत फास्टैग जारीकर्ता पोर्टलों के माध्यम से इसे आसानी से खरीदा जा सकता है। यात्री इसे यूपीआई, डेबिट/क्रेडिट कार्ड, या नेट बैंकिंग के माध्यम से 3,000 रुपये का भुगतान करके खरीद सकते हैं। सक्रियण आमतौर पर दो घंटे के भीतर पूरा हो जाता है और एसएमएस के माध्यम से इसकी पुष्टि की जाती है। यह सुविधा कार, जीप और वैन जैसे यात्री वाहनों के लिए उपलब्ध है, और इसके माध्यम से प्रत्येक एक-तरफा यात्रा को एक ट्रिप माना जाता है।

आर्थिक लाभ

यदि एक सामान्य यात्री वाहन साल में 200 बार टोल प्लाजा पार करता है, तो लगभग 10,000 रुपये का खर्च आता है। लेकिन, एनुअल पास के साथ यह शुल्क सिर्फ 3,000 रुपये होता है, जिससे यात्रियों को लगभग 7,000 रुपये की बचत होती है। यह योजना न केवल यात्रियों के लिए फायदे की है, बल्कि यह एनएचएआई को भी राजस्व संग्रह में सहायता करती है।

 

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