Delhi Blast: 10 दिनों के लिए एनआईए की कस्टडी में भेजा गया आरोपी जासिर बिलाल

खबर सार :-
दिल्ली ब्लास्ट की जांच में आरोपी जासिर बिलाल की गिरफ्तारी और उसकी एनआईए कस्टडी से कई अहम खुलासों की उम्मीद है। तकनीकी सपोर्ट, ड्रोन मॉडिफिकेशन और साजिश में शामिल नेटवर्क की परतें खुल रही हैं। अल फलाह यूनिवर्सिटी सहित कई ठिकानों पर छापेमारी से जांच और तेज होने की संभावना है। आने वाले दिनों में यह केस कई नए मोड़ ले सकता है।

Delhi Blast: 10 दिनों के लिए एनआईए की कस्टडी में भेजा गया आरोपी जासिर बिलाल
खबर विस्तार : -

Delhi Blast: दिल्ली में हुए घातक ब्लास्ट की जांच लगातार आगे बढ़ रही है। मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपी आतंकी जासिर बिलाल उर्फ दानिश को 10 दिन की एनआईए कस्टडी में भेज दिया। एजेंसी को उम्मीद है कि बिलाल से पूछताछ के दौरान हमले की व्यापक साजिश, तकनीकी सहायता और विदेशी लिंक को लेकर कई अहम जानकारी हाथ लग सकती है।

13 लोगों की मौत वाले धमाके से जुड़े तार कश्मीर तक पहुंचे

दिल्ली ब्लास्ट मामले में कम से कम 13 लोगों की मौत हुई थी। हमले के मुख्य आरोपी डॉ. उमर मुहम्मद के साथियों में शामिल जासिर बिलाल को श्रीनगर से गिरफ्तार किया गया था। एनआईए ने सोमवार को इसके एक और करीबी सहयोगी को भी पकड़ा था, जिस पर आरोप है कि उसने आतंकियों को टेक्निकल सपोर्ट, विशेष रूप से डिजिटल कम्युनिकेशन और डिवाइस हैंडलिंग में मदद दी थी।

ड्रोन मॉडिफिकेशन और रॉकेट बनाने की तैयारी में शामिल

जांच में पता चला है कि जासिर बिलाल कथित तौर पर ब्लास्ट से पहले ड्रोन को मॉडिफाई करने, उसे विस्फोटक ढोने लायक बनाने और रॉकेट जैसे प्रोजेक्टाइल तैयार करने की कोशिशों में शामिल था। एनआईए का मानना है कि यह किसी बड़े हमले की तैयारी का हिस्सा हो सकता था। आरोपी जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के काजीगुंड का रहने वाला है और माने जा रहे मास्टरमाइंड उमर मुहम्मद नबी के साथ लगातार संपर्क में था।

साजिश के कई पहलुओं पर एनआईए की बहु-स्तरीय छानबीन

एनआईए की टीमें हमले के पीछे की पूरी साजिश का पता लगाने के लिए कई राज्यों में तलाशी अभियान चला रही हैं। तकनीकी प्रूफ, डिजिटल फुटप्रिंट, फंडिंग चैन और स्थानीय सपोर्ट सिस्टम की गहन जांच की जा रही है। दिल्ली कोर्ट ने एक अन्य आरोपी आमिर राशिद अली को भी 10 दिन की एनआईए कस्टडी में भेजा है। इसके नाम पर ही वह कार रजिस्टर्ड थी जिसका इस्तेमाल धमाके में हुआ।

अल फलाह यूनिवर्सिटी पर बढ़ी नजर

ब्लास्ट की जांच में अल फलाह यूनिवर्सिटी भी फोकस में है, जहां से साजिश रचे जाने के दावे सामने आए हैं। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि से इनकार किया है। ईडी की छापेमारी के बाद जांच एजेंसियों को कुछ अहम दस्तावेज व डिजिटल रिकॉर्ड मिले हैं, जिनसे नेटवर्क की कड़ियां जोड़ने में मदद मिल सकती है।

ईडी की रडार पर अल फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन

ईडी की रडार पर अल फलाह यूनिवर्सिटी के संस्थापक और चेयरमैन जावेद अहमद सिद्दीकी हैं। ईडी जांच कर रही है कि इतनी बड़ी यूनिवर्सिटी खड़ा करने के लिए उसके पास करोड़ों रुपये कहां से आए हैं। क्योंकि, धोखाधड़ी के मामले में वे जेल भी जा चुके हैं। दिल्ली बम ब्लास्ट मामले में भी सिद्दीकी को समन भेजा जा चुका है, लेकिन वे पेश नहीं हुए।

अल फलाह विश्वविद्यालय से जुड़े ठिकानों पर ईडी की छापेमारी

दिल्ली बम विस्फोट मामले में मंगलवार सुबह से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी तथा उसके ट्रस्टियों से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की। सुबह करीब 5 बजे शुरू हुई छापेमारी को लेकर ईडी की ओर से कोई अधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन, ईडी सूत्रों के अनुसार, कुल 25 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी शुरू हुई है। ईडी की टीमें दिल्ली के ओखला स्थित यूनिवर्सिटी के मुख्यालय, फरीदाबाद कैंपस और ट्रस्टियों के आवासों-कार्यालयों पर पहुंची हैं। दस्तावेजों की जांच और जब्ती का काम जारी है। ईडी फिलहाल इस मामले से जुड़े संभावित वित्तीय और परिचालन संबंधों की जांच कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, अल फलाह यूनिवर्सिटी के कामकाज में कई वित्तीय गड़बड़ियां सामने आई हैं। सूत्रों के अनुसार, एनआईए की जांच से पता चला है कि आमिर ने उमर उन नबी के साथ मिलकर आतंकी हमला करने की साजिश रची थी। एक बयान में कहा गया, 'आमिर कार की खरीद में मदद करने के लिए दिल्ली आया था, जिसमें विस्फोट हुआ था।'

बम से उड़ाने की धमकी, जांच में जुटी एजेंसियां

दिल्ली में कुछ स्थानों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। इसमें तीस हजारी, रोहिणी, पटियाला और साकेत कोर्ट जैसी जगहों का नाम शामिल है। इसलिए मंगलवार को धमकी मिलने के बाद से ही सभी जिला अदालतों के सुरक्षाकर्मी ऐक्टिव हो गए हैं। जांच एजेंसियां भी मामले की जांच में जुट गई हैं। उधर दिल्ली के दो स्कूलों को भी बम से उडाने की धमकी का मामला सामने आया है। सूत्रों के अनुसार, जैश के ईमेल से धमकी दी गई है।

लाल किला विस्फोट का मकसद लोगों में डर पैदा करना था: एनआईए

दिल्ली की अदालत ने लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट मामले में ड्राइवर उमर मोहम्मद उर्फ उमर उर नबी के सहयोगी आमिर राशिद अली को 10 दिन की एनआईए हिरासत में भेजा है। आमिर को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। आमिर राशिद मीर को लेकर एनआईए ने अपने रिमांड नोट में लिखा है कि आमिर लाल किले पुलिस पोस्ट के पास हुए बम धमाके के मुख्य आरोपी उमर उन नबी का सहयोगी है, आमिर ने धमाके के लिए गाड़ी का इंतजाम किया था। एनआईए ने आगे लिखा कि आमिर राशिद अली ने जो लाल किले के पास धमाका किया था उसका मकसद आम लोगों में डर पैदा करना और भारत की एकता और संप्रभुता पर हमला करना था।

 

 

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