अग्निवीरों की रिटेंशन दर बढ़ाने की चर्चा पर सेना का स्पष्टीकरण, रिपोर्ट को खारिज किया

खबर सार :-
भारतीय सेना ने एक रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि उसमें दी गई जानकारी पूरी तरह गलत है। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि सेना अग्निवीरों की रिटेंशन दर को 25% से बढ़ाकर 75% करने पर चर्चा कर रही है, लेकिन सेना ने इसे निराधार बताया।

अग्निवीरों की रिटेंशन दर बढ़ाने की चर्चा पर सेना का स्पष्टीकरण, रिपोर्ट को खारिज किया
खबर विस्तार : -

नई दिल्ली : भारतीय सेना ने 23 अक्टूबर 2025 को एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित एक रिपोर्ट को पूरी तरह खारिज करते हुए इसे काल्पनिक और गलत बताया है। रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि सेना प्रमुखों के सम्मेलन में अग्निवीरों की रिटेंशन दर को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा गया है, लेकिन सेना ने इसे सिरे से नकारा किया है।

अखबार में प्रकाशित खबर का कोई आधार नहींः सेना

भारतीय सेना ने अपनी ओर से स्पष्ट किया कि रिपोर्ट में दिए गए तथ्यों का कोई आधार नहीं है। सेना ने बताया कि कमांडर्स सम्मेलन एक क्लोज्ड-डोर और गोपनीय मंच होता है, जहां केवल अधिकृत जानकारी साझा की जाती है। इसके साथ ही, सेना ने यह भी कहा कि किसी भी प्रकार की अनधिकृत जानकारी का प्रकाशन अत्यधिक गैर जिम्मेदाराना है। सेना ने मीडिया से सतर्क और जिम्मेदार रिपोर्टिंग की अपील करते हुए कहा कि सभी जानकारियों की सत्यता पहले अधिकृत स्रोतों से सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है।

अग्निवीर योजना का क्या है उद्देश्य?

अग्निवीर योजना, जो कि भारतीय सेना की अग्निपथ योजना का हिस्सा है, 2022 में लॉन्च की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य सेना की भर्ती प्रणाली में सुधार लाना और सशस्त्र बलों को युवा, चुस्त और अधिक लागत कुशल बनाना है। इस योजना के तहत, 17.5 से 21 वर्ष के युवा केवल चार साल के लिए सेना, नौसेना या वायुसेना में भर्ती होते हैं। इसके बाद, केवल 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी नौकरी मिलती है, जबकि बाकी 75 फीसदी को वित्तीय पैकेज और कौशल प्रमाणपत्र प्रदान कर उन्हें नागरिक जीवन में वापस भेजे जाने का प्रावधान है। 

सेना ने मीडिया से जिम्मेदारी से रिपोर्टिंग करने की अपील की

एक प्रतिष्ठित अखबार ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि आगामी सेना कमांडर्स सम्मेलन में अग्निवीरों की रिटेंशन दर को 25 फीसदी से बढ़ाकर 75 फीसदी करने पर चर्चा हो रही है। इसका मतलब यह होता कि पहले 100 में से सिर्फ 25 अग्निवीरों को स्थायी नौकरी मिलती थी, लेकिन अब 100 में से 75 को सेना में स्थायी भर्ती किया जाएगा। हालांकि, सेना ने इस रिपोर्ट को निराधार और भ्रामक बताते हुए पूरी तरह नकार दिया। इसके साथ ही सेना ने मीडिया से जिम्मेदारी से रिपोर्टिंग करने की अपील की।
 

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