Trump Tariff: वॉशिंगटन से एक बार फिर दुनिया की नजरें अमेरिका की व्यापार नीतियों पर टिक गई हैं। इस बार पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐसा निर्णय लिया है जो वैश्विक व्यापार समीकरणों को झकझोर सकता है। ट्रंप ने विदेशी दवाओं, फर्नीचर, किचन कैबिनेट्स और भारी ट्रकों पर भारी-भरकम आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने की घोषणा की है। यह कदम उनके अनुसार घरेलू उद्योगों की रक्षा, नौकरियों के सृजन और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी है, लेकिन इसके दूरगामी प्रभाव कहीं अधिक जटिल हो सकते हैं।
डोनाल्ड ट्रंप का यह फैसला उनके “अमेरिका फर्स्ट” सिद्धांत का सीधा विस्तार है। ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में भी चीन समेत कई देशों पर आयात शुल्क लगाकर अमेरिकी विनिर्माण उद्योगों को संरक्षण देने का प्रयास किया था। अब एक बार फिर उन्होंने अपनी भावी आर्थिक नीतियों के संकेत देते हुए कई महत्वपूर्ण उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने का ऐलान किया है।
हेवी ट्रक: विदेशों से आने वाले भारी ट्रकों पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क।
रसोई कैबिनेट और बाथरूम वैनिटी: 50 प्रतिशत टैरिफ।
अपहोल्स्टर्ड फर्नीचर: 30 प्रतिशत आयात शुल्क।
ब्रांडेड फार्मास्यूटिकल्स: 100 प्रतिशत टैरिफ, केवल अमेरिका में निर्माण करने वाली कंपनियों को छूट।
प्रभावी होने की तिथिः यह टैरिफ 1 अक्टूबर 2025 से प्रभाव में आएगा।
इस निर्णय का प्रत्यक्ष लाभ अमेरिकी निर्माण कंपनियों को मिलेगा। ट्रंप ने स्पष्ट रूप से पीटरबिल्ट, फ्रेटलाइनर, मैक ट्रक्स जैसी कंपनियों का नाम लिया, जिन्हें विदेशी प्रतिस्पर्धा से राहत मिलेगी। इसी प्रकार, अमेरिकी दवा कंपनियों को बड़ी राहत मिलेगी क्योंकि विदेशी ब्रांडेड दवाएं अब काफी महंगी हो जाएंगी, जिससे घरेलू दवाओं की मांग बढ़ेगी। हालांकि, इस कदम से उपभोक्ताओं को सीधा नुकसान हो सकता है। टैरिफ का सीधा असर उत्पादों की कीमतों पर होता है। फर्नीचर, रसोई सामान और दवाओं की कीमतें बढ़ सकती हैं, जो मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं के बजट को प्रभावित करेगा।
इस घोषणा के बाद अमेरिका और उसके व्यापारिक साझेदारों के बीच तनाव बढ़ सकता है। चीन, भारत, यूरोप जैसे देशों से भारी मात्रा में ये उत्पाद अमेरिका में आयात होते हैं। अगर ये देश जवाबी कार्रवाई करते हैं तो यह व्यापार युद्ध का रूप ले सकता है। विशेष रूप से दवा उद्योग पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने का निर्णय वैश्विक फार्मा कंपनियों को झटका दे सकता है, जो अमेरिका को एक प्रमुख बाजार मानती हैं।
ट्रंप ने अपने बयान में बार-बार राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला दिया। उनका कहना है कि विदेशी माल की बाढ़ अमेरिकी निर्माण क्षेत्र को कमजोर कर रही है, और इससे देश की आत्मनिर्भरता पर खतरा है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के टैरिफ, वैश्विक सहयोग और मुक्त व्यापार के सिद्धांतों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
यह निर्णय ट्रंप की संभावित राष्ट्रपति पद की दौड़ के मद्देनजर भी देखा जा रहा है। यह ऐसा मुद्दा है जो अमेरिकी मजदूरों, निर्माण उद्योग और ट्रेड यूनियनों के बीच उन्हें समर्थन दिला सकता है। लेकिन यह भी स्पष्ट है कि यदि ये टैरिफ लंबे समय तक लागू रहे तो अमेरिका में महंगाई और व्यापारिक असंतुलन बढ़ सकता है।
अन्य प्रमुख खबरें
Pakistan-Bangladesh relations: पाकिस्तान बढ़ा रहा बांग्लादेश से नजदीकियां, यूनुस से मिले शहबाज शरीफ
Super Typhoon Ragasa : ताइवान, फिलीपींस के बाद हांगकांग और दक्षिणी चीन में मचाई जमकर तबाही
बीएसओ के पूर्व अध्यक्ष की हत्या से बिगड़े हालात, बीएलएफ ने मारे पाकिस्तानी सैनिक
रूस-यूक्रेन संघर्ष पर ट्रंप ने बदले सुर, कीव से जुड़ा किया चौंकाने वाला दावा
UAE Visa Ban: अमेरिका के बाद यूएई ने बदली वीजा पॉलिसी, 9 देशों के नागरिकों पर लगाया प्रतिबंध
बगराम एयरबेस को लेकर ट्रंप की अफगानिस्तान को चेतावनी: परिणाम भुगतने की धमकी
ट्रंप ने H-1B वीजा की फीस 10 गुना से भी ज्यादा बढ़ाई, जानें भारतीयों पर क्या होगा असर
अफगानिस्तान नीति पर ट्रंप का यू-टर्न, कहा- 'बगराम एयरबेस को फिर से एक्टिव करने पर विचार'
परमाणु हमलों पर प्रतिबंध लाने के लिए IAEA को सौंपा गया प्रस्ताव, कई देश आए साथ
गाजा शहर में कहर बरपा रहा इजरायल, भीषण बमबारी के चलते तीन लाख लोग हुए बेघर
यूक्रेन की मदद को उतरे ये दो NATO सहयोगी देश, जेट विमान तैनात
यूक्रेन ने रूस पर किया पलटवार, एक साथ दागे 361 ड्रोन, तेल रिफाइनरी ध्वस्त
इजराइल का हमलाः गाजा में मची त्राहि-त्राहि, कई इमारतों में लगी आग 70 से ज्यादा की मौत