PM Modi Bhutan Visit: पीएम मोदी ने भूटान के चौथे नरेश से की मुलाकात, विश्व शांति प्रार्थना महोत्सव में हुए शामिल

खबर सार :-
PM Modi Bhutan Visit: प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर उत्सव की तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा, "महामहिम चतुर्थ नरेश के साथ कालचक्र 'समय चक्र' समारोह का उद्घाटन करते हुए गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।"

PM Modi Bhutan Visit: पीएम मोदी ने भूटान के चौथे नरेश से की मुलाकात, विश्व शांति प्रार्थना महोत्सव में हुए शामिल
खबर विस्तार : -

PM Modi Bhutan Visit: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक (Jigme Khesar Namgyel Wangchuk) के निमंत्रण पर 11 और 12 नवंबर को भूटान की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर हैं। पीएम मोदी ने अपनी यात्रा के दूसरे दिन बुधवार को थिम्पू में भूटान के चौथे नरेश जिग्मे सिंग्ये वांगचुक (Jigme Singye Wangchuk) से मुलाकात की और विश्व शांति प्रार्थना महोत्सव में भाग लिया। साथ ही उन्होंने महामहिम चौथे नरेश को उनकी 70वीं जयंती पर बधाई दी।

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-भूटान मैत्री को और सुदृढ़ बनाने में उनके नेतृत्व, सलाह और मार्गदर्शन के लिए चौथे नरेश का धन्यवाद किया। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों और आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा की। इस संदर्भ में, उन्होंने साझा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संबंधों को रेखांकित किया जो दोनों देशों के लोगों को करीब लाते हैं।

PM Modi Bhutan Visit: पीएम ने शेयर की मुलाकात की तस्वीरें

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर अपनी मुलाकात की एक तस्वीर पोस्ट की और लिखा, "महामहिम चतुर्थ नरेश के साथ अच्छी मुलाकात हुई। भारत-भूटान संबंधों को और मजबूत करने के लिए पिछले कुछ वर्षों में उनके व्यापक प्रयासों की सराहना की। ऊर्जा, व्यापार, प्रौद्योगिकी और कनेक्टिविटी में सहयोग पर चर्चा की। गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी परियोजना की प्रगति की सराहना की, जो हमारी एक्ट ईस्ट नीति के अनुरूप है।" इससे पहले मंगलवार को, प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान के चतुर्थ नरेश की 70वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में भी भाग लिया और भारत और भूटान के बीच स्थायी मित्रता और आध्यात्मिक संबंधों की पुष्टि की।

जिग्मे सिंग्ये वांगचुक का कार्यकाल

बता दें कि 11 नवंबर, 1955 को जन्मे जिग्मे सिंग्ये वांगचुक ने भूटान के चतुर्थ नरेश के रूप में कार्य किया। उनका शासनकाल 1972 से 2006 तक चला और उन्हें भूटान के सबसे दूरदर्शी और प्रिय राजाओं में से एक माना जाता है। उनके नेतृत्व में, भूटान ने आधुनिकीकरण किया, राष्ट्रीय एकता को मज़बूत किया और एक अद्वितीय सुख-आधारित दर्शन अपनाया जिसे अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुई है।

पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना का किया उद्घाटन

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान के आर्थिक प्रोत्साहन कार्यक्रम के लिए भारत के समर्थन का आश्वासन दिया और असम के हतिसार में एक आव्रजन जांच चौकी की स्थापना की घोषणा की। दोनों देशों ने सीमा पार संपर्क और बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने पर जोर दिया। दरंगा आव्रजन जांच चौकी, जोगीघोफा मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क और भूटान-भारत रेलवे परियोजनाओं में हुई प्रगति का स्वागत किया गया।

भारत ने भूटान में ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 40 अरब रुयपे की रियायती ऋण सहायता की घोषणा की। दोनों पक्षों ने 1200 मेगावाट की पुनात्सांगछू वन परियोजना के मुख्य बांध का निर्माण फिर से शुरू करने के निर्णय का स्वागत किया और इसके शीघ्र पूरा होने पर सहमति व्यक्त की। भारत और भूटान ने उर्वरक आपूर्ति, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी शिक्षा, वित्तीय प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष सहयोग जैसे नए क्षेत्रों में प्रगति पर भी संतोष व्यक्त किया। यूपीआई के दूसरे चरण के तहत, भूटानी नागरिक अब भारत में अपने मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करके भुगतान कर सकेंगे।

PM Modi Bhutan visit: भारत-भूटन के हुए तीन समझौते

प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान तीन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए: नवीकरणीय ऊर्जा में सहयोग, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा में सहयोग और मानसिक स्वास्थ्य में संस्थागत साझेदारी। राजगीर, भूटान में रॉयल भूटान मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा और वाराणसी में भूटान मंदिर एवं अतिथि गृह के लिए भूमि आवंटित करने के भारत सरकार के निर्णय का भी स्वागत किया गया।

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