Did You Know : भारत-पाक की बढ़ती परमाणु चुनौती के बीच रूस-अमेरिका की हथियारों की जंग फिर गरमाई

खबर सार :-
Did You Know : रूस और अमेरिका के बीच परमाणु हथियारों की होड़ एक बार फिर बढ़ रही है। इस प्रतिस्पर्धा का असर भारत–पाक जैसे परमाणु राष्ट्रों पर भी पड़ सकता है। जहां रूस 5,977 और अमेरिका 5,428 हथियारों के साथ शीर्ष पर हैं, वहीं भारत और पाकिस्तान भी अपनी परमाणु क्षमताओं को लगातार मजबूत कर रहे हैं।

Did You Know : भारत-पाक की बढ़ती परमाणु चुनौती के बीच रूस-अमेरिका की हथियारों की जंग फिर गरमाई
खबर विस्तार : -

Did You Know :  रूस और अमेरिका के बीच परमाणु शक्ति की होड़ एक बार फिर तेज होती दिखाई दे रही है। ऐसे में दक्षिण एशिया में भारत और पाक के बीच भी परमाणु संतुलन को लेकर चिंता गहरी होती जा रही है। वैश्विक स्तर पर जहां रूस और अमेरिका के पास दुनिया के लगभग 90 प्रतिशत परमाणु हथियार हैं, वहीं भारत और पाक की सीमित लेकिन बढ़ती परमाणु क्षमता एशियाई क्षेत्र को नई सामरिक दिशा दे रही है।

रूस के पास इस समय सबसे ज्यादा करीब 5,977 परमाणु हथियार

एक रिपोर्टों के अनुसार, रूस के पास इस समय करीब 5,977 परमाणु हथियार हैं, जिनमें से लगभग 1,700 सक्रिय स्थिति में हैं। रूस ने हाल के वर्षों में अपने हथियारों की तकनीक को बेहद उन्नत किया है, ‘सारमत प्ब्ठड’ और ‘पोसाइडन टॉरपीडो’ जैसे हथियार उसकी विनाशक क्षमता को कई गुना ज्यादा कर देते हैं।

अमेरिका के पास सबसे ज्यादा अत्याधुनिक 5,428 परमाणु हथियार मौजूद

वहीं अमेरिका के पास 5,428 परमाणु हथियार मौजूद हैं, जिनमें से लगभग 1,700 सक्रिय रूप से तैनात हैं। अमेरिका ने अपने पुराने शस्त्रागार को आधुनिक बनाने की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ा दिए हैं। ’बी61-12 न्यूक्लियर बॉम्ब’ और ‘डपदनजमउंद-प्प्प् मिसाइल’ के अपग्रेड इसके उदाहरण हैं। तकनीकी दृष्टि से अमेरिका आगे है, लेकिन परमाणु हथियारों की संख्या में रूस उससे आगे निकल चुका है।

भारत के पास 180 तो पाक के पास 170 परमाणु हथियार

अब बात ’भारत और पाक’ की करें तो दक्षिण एशिया में परमाणु संतुलन बेहद नाजुक स्थिति पहुंच चुका है। अंतरराष्ट्रीय अनुमान बताते हैं कि भारत के पास करीब 180 परमाणु हथियार हैं, जबकि पड़ोसी मुल्क पाक के पास 170 के आसपास वॉरहेड्स मौजूद हैं। दोनों देश अपनी सामरिक जरूरतों के अनुसार मिसाइल क्षमता और डिलीवरी सिस्टम को बेहतर बनाने में जुटे हैं। भारत ‘अग्नि’ सीरीज़ और ‘सागरिका’ जैसी मिसाइलों से अपने प्रतिरोध को मजबूत कर रहा है, वहीं पाकिस्तान ’शाहीन’ और ’बाबर’ जैसे कार्यक्रमों पर काम कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का मानना है कि रूस-अमेरिका के परमाणु समीकरण में आने वाले बदलावों का सीधा असर एशिया पर पड़ सकता है। यदि दोनों महाशक्तियां परमाणु परीक्षणों की नई शुरुआत करती हैं, तो भारत-पाक क्षेत्र में भी सामरिक प्रतिस्पर्धा और अधिक तेज़ हो सकती है। इससे न केवल दक्षिण एशिया की शांति बल्कि वैश्विक सुरक्षा संतुलन पर भी खतरा मंडराने लगेगा।
 

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