दिल्ली : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज भारतीय राजधानी दिल्ली पहुंचे, जहां उनका स्वागत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एयरपोर्ट पर किया। यह पुतिन का रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद भारत का पहला दौरा है और इसे भारत-रूस के रणनीतिक संबंधों के 25 वर्षों के सिलसिले में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पुतिन का पिछला भारत दौरा 6 दिसंबर 2021 को हुआ था, जो रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले था।
आज शाम, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुतिन के सम्मान में एक विशेष प्राइवेट डिनर की मेज़बानी करेंगे, जिसमें दोनों देशों के बीच कई अहम समझौतों की घोषणा की जा सकती है। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में एस-400 मिसाइल सिस्टम की अतिरिक्त आपूर्ति, कच्चे तेल के सौदे और मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर चर्चा हो सकती है।
राष्ट्रपति पुतिन का आधिकारिक कार्यक्रम शुक्रवार, 5 दिसंबर से शुरू होगा। इस दिन राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ बैठक का आयोजन होगा। इसके बाद पुतिन राजघाट जाएंगे, जहां वे महात्मा गांधी के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद पुतिन हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री मोदी के साथ शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।
रूस-भारत संबंधों के इस ऐतिहासिक अवसर पर दोनों नेता रणनीतिक, आर्थिक और सैन्य साझेदारी को और मजबूत करने के लिए विभिन्न समझौतों पर बातचीत करेंगे। इस दौरान, एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली, कच्चे तेल के आपूर्ति समझौते और व्यापार में वृहद सहयोग की संभावनाओं पर महत्वपूर्ण चर्चा होने की उम्मीद है। इसके अलावा, भारत और रूस के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर भी बातचीत की जा सकती है, जो दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को नया आयाम दे सकता है।
शिखर सम्मेलन के बाद, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पुतिन के सम्मान में एक भव्य राजकीय रात्रिभोज का आयोजन करेंगी। इस रात्रिभोज में दोनों देशों के प्रमुख अधिकारियों और व्यापारियों के बीच आपसी संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के प्रयास किए जाएंगे। इसके बाद, पुतिन रूस के सरकारी चैनल आरटी का भारत संस्करण लॉन्च करेंगे, जिससे दोनों देशों के बीच मीडिया और सूचना के क्षेत्र में सहयोग बढ़ने की उम्मीद है।
रूस के राष्ट्रपति के साथ एक विशेष प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया है, जिसमें प्रमुख व्यापारिक हस्तियां शामिल हैं। इनमें रूस की एक बड़ी फार्मास्युटिकल्स कंपनी के प्रमुख राजेश शर्मा भी हैं, जो 34 वर्षों से रूस में रहकर व्यापार कर रहे हैं। रूस की कंपनियों के लिए भारत में बड़े व्यापारिक समझौते करने की संभावना भी जताई जा रही है, खासकर फार्मा और ऊर्जा क्षेत्रों में।
भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी की शुरुआत 2000 में हुई थी, जब राष्ट्रपति पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। आज इस साझेदारी को 25 वर्ष हो गए हैं, और पुतिन का यह दौरा दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूती देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन शुक्रवार रात करीब 9:30 बजे भारत से रवाना होंगे। इस यात्रा से भारत और रूस के बीच दीर्घकालिक सहयोग और साझेदारी को और भी बल मिल सकता है, खासकर सैन्य, ऊर्जा और व्यापारिक क्षेत्रों में।
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