तेलंगाना में भारी बारिश और बाढ़ से हाहाकार, 50 साल का रिकॉर्ड टूटा

खबर सार :-
तेलंगाना के कामारेड्डी और मेडक जिलों में हुई अत्यधिक बारिश और बाढ़ ने 50 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा है, जिससे भारी तबाही हुई है। सरकार और राहत एजेंसियां बचाव कार्यों में जुटी हैं, लेकिन स्थिति में सुधार होने में समय लगेगा। फसलों और संपत्ति का नुकसान हुआ है, और प्रभावितों को राहत दी जा रही है।

तेलंगाना में भारी बारिश और बाढ़ से हाहाकार, 50 साल का रिकॉर्ड टूटा
खबर विस्तार : -

हैदराबाद: तेलंगाना के कामारेड्डी और मेडक जिलों में 26-27 अगस्त को हुई मूसलधार बारिश ने पिछले 50 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। दोनों जिलों में हुई अत्यधिक बारिश और बाढ़ ने व्यापक तबाही मचाई, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। कामारेड्डी के राजमपेट मंडल में अरगोंडा स्टेशन पर 44 सेमी बारिश दर्ज की गई, जबकि 23 स्थानों पर 20 सेमी से अधिक बारिश हुई। यह बारिश इन क्षेत्रों में पिछले पांच दशकों में सबसे ज्यादा मानी जा रही है।

बाढ़ से प्रभावित इलाकों का हाल

कामारेड्डी और मेडक के कई मंडल बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। कामारेड्डी के छह मंडल—कामारेड्डी, बीबीपेट, राजमपेट, निजामसागर, येल्लारेड्डी और मचारेड्डी—मुख्य रूप से बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। मेडक में हवेली घनपुर, पपन्नापेट, रामायमपेट, शंकरमपेट और निजामपेट जैसे स्थान बाढ़ के सबसे अधिक शिकार हुए हैं। बाढ़ के कारण सड़कों, रेलवे ट्रैक और कई गांवों का संपर्क कट गया है। पेड्डा चेरुवु झील और पोचारम जलाशय का जलस्तर बढ़ने से स्थिति और गंभीर हो गई है, जिससे आसपास के इलाकों में खतरे की आशंका बनी हुई है।

बचाव कार्य में तेजी के निर्देश

तेलंगाना सरकार और राहत एजेंसियां इस विकट स्थिति से निपटने के लिए तेजी से काम कर रही हैं। अब तक 500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर निकाला गया है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने बाढ़ के पानी में फंसे लोगों को बचाने के लिए कई कठिन प्रयास किए हैं। मेडक में 350 महिला डिग्री कॉलेज की छात्राओं और 80 बालिका छात्रावास की छात्राओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इसके अलावा, 375 लोगों को पुनर्वास शिविरों में भेजा गया।

यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित

राष्ट्रीय राजमार्गों और रेलवे ट्रैकों में व्यापक क्षति हुई है। हैदराबाद-नागपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 44) के तीन स्थानों पर सड़क धंसने से यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। भिकनूर मंडल में रेलवे ट्रैक भी क्षतिग्रस्त हुआ है, जिससे ट्रेन सेवाएं रद्द करनी पड़ीं। मेडक में 47 सड़कों, 23 पुलियों और 15 पुलों पर पानी भरने से यातायात पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है।

बाढ़ के कारण हुआ नुकसान, आकलन जारी

बाढ़ से कृषि क्षेत्रों को भी भारी नुकसान हुआ है। फसलों की क्षति का आकलन जारी है, और प्रभावित किसानों को राहत प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और राहत कार्यों को तेज करने के आदेश दिए। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मेडक, कामारेड्डी और अन्य प्रभावित जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।

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