Maratha Aarakshan: मराठा आरक्षण आंदोलन के बाद एक्शन में पुलिस, कई थानों में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ FIR दर्ज

खबर सार :-
Maratha Aarakshan: महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को मनोज जरांगे की मांगें मान लीं। कैबिनेट उप-समिति के अध्यक्ष राधाकृष्ण विखे पाटिल समेत कई नेताओं ने पाटिल से मुलाक़ात की और उन्हें मांगें मान लिए जाने की जानकारी दी। इसी के साथ ही आंदोलन समाप्त हो गया है। लेकिन अब मुंबई पुलिस एक्शन में आ गई है।

Maratha Aarakshan: मराठा आरक्षण आंदोलन के बाद एक्शन में पुलिस, कई थानों में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ FIR दर्ज
खबर विस्तार : -

Maratha Aarakshan: मुंबई के आजाद मैदान में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर चल रहा विरोध मंगलवार को समाप्त हो गया। महाराष्ट्र सरकार ने मनोज जरांगे की 8 में से 6 मांगें स्वीकार कर ली हैं। जिसके बाद मनोज जरांगे ने आंदोलन और भूख हड़ताल खत्म करने की घोषणा की। मनोज जरांगे पिछले 5 दिनों से अनशन पर बैठे थे। वहीं मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई में हुए प्रदर्शन के बाद अब मुंबई पुलिस एक्शन में आ गई है। मुंबई पुलिस ने अवैध रूप से जमा होने और उपद्रव मचाने के आरोप में मराठा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कई मामले दर्ज किए हैं। 

 Maratha Aarakshan: कई थानों में FIR दर्ज

मुंबई पुलिस के मुताबिक, मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन समेत कई अन्य थानों में मराठा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। मुंबई पुलिस ने बताया कि बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अवैध रूप से जमा होने और हिंसा फैलाने का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में तीन, एमआरए मार्ग पुलिस स्टेशन में दो FIR दर्द की गई है। इसके अलावा जेजे पुलिस स्टेशन, कोलाबा पुलिस स्टेशन और आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में भी मामले दर्ज किए गए हैं।

सरकार ने मनोज जरांगे की ज्यादातर मांगे मानी 

बता दें कि मनोज जारंगे मुंबई में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इस बीच मुंबई में कई जगहों पर ट्रैफिक जाम देखा गया। ऐसे में मुंबई पुलिस ने मनोज जारंगे के प्रदर्शन की इजाजत देने से इनकार कर दिया और आजाद मैदान खाली करने का नोटिस भेज दिया। हालांकि, सरकार द्वारा ज़्यादातर मांगें मान लिए जाने के बाद मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जारंगे-पाटिल ने मंगलवार को अपना पांच दिवसीय अनशन समाप्त कर दिया। इसके बाद, हजारों मराठा मजदूर मुंबई से अपने गांव लौट गए, जिससे शहर में अब हालात सामान्य हो रहे हैं। 

 Maratha Aarakshan: आंदोलन पर कोर्ट का कड़ा रुख

दरअसल बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को मराठा आरक्षण आंदोलन पर कड़ा रुख अपनाया और टिप्पणी की। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति आरती साठे की पीठ ने आंदोलन से उपजे हालात पर नाराजगी जताई। मुख्य न्यायाधीश ने कहा था, "सड़कों पर एक जज के चलने की भी जगह नहीं है। हालात सामान्य करें, वरना कड़ी कार्रवाई की जाएगी।" अदालत ने साफ निर्देश दिए थे कि सड़कों से वाहन हटाए जाएं और भीड़ को नियंत्रित किया जाए।

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