Voter Adhikar Yatra: कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और राजद नेता तेजस्वी यादव की 'मतदाता अधिकार यात्रा' 24 अगस्त को पूर्णिया में अभूतपूर्व जनसमर्थन के साथ संपन्न हुई। बिहार के विभिन्न जिलों से हजारों लोग इस यात्रा में शामिल हुए और इसे एक जनांदोलन का रूप दिया।
यात्रा बेलौरी से शुरू हुई, जो लाइन बाजार, पंचमुखी मंदिर, रामबाग होते हुए कस्बा तक गई और फिर अररिया के लिए रवाना हुई। राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव बुलेट कार पर सवार होकर काफिले का नेतृत्व कर रहे थे। उनके पीछे सैकड़ों वाहन और पैदल चल रहे समर्थक नजर आ रहे थे। जगह-जगह लोगों की भीड़ ने यात्रा का स्वागत किया।
इस बार यात्रा में छोटे बच्चों की भागीदारी सबसे ज्यादा चर्चा में है। सड़क किनारे खड़े ये बच्चे राहुल से मिल रहे हैं और एक ही नारा लगा रहे हैं - "वोट चोर, गद्दी छोड़ो।" राहुल गांधी ने कहा कि इस यात्रा की सबसे बड़ी खासियत इसमें छोटे बच्चों की भागीदारी है। उन्होंने कहा, "छह साल के बच्चे भी अब राजनीतिक रूप से जागरूक हो गए हैं। वे मेरे पास आकर कह रहे हैं - 'वोट चोर, गद्दी छोड़ो।' ये एक-दो बच्चे नहीं, बल्कि हज़ारों बच्चे हैं।"
इस दौरान, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अररिया में इंडिया अलायंस की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस यात्रा की सफलता यह साबित करती है कि बिहार के करोड़ों लोग वोट चोरी की बात को सच मानते हैं। उन्होंने दावा किया कि लोग खुद इस यात्रा में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का काम सही मतदाता सूची देना है, लेकिन उन्होंने हरियाणा, महाराष्ट्र और कर्नाटक में ऐसा नहीं किया। चुनाव आयोग का व्यवहार बिहार में भी वोट चोरी करने का है।
उन्होंने कहा कि वह बिहार में वोट चोरी नहीं होने देंगे। चुनाव आयोग खुद अपनी छवि खराब कर रहा है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि उन्होंने कर्नाटक विधानसभा में मतदाताओं का डेटा रखा था, लेकिन चुनाव आयोग ने हमसे हलफ़नामा माँगा, जबकि भाजपा के अनुराग ठाकुर ने भी लगभग यही बात कही, लेकिन उनसे कोई हलफ़नामा नहीं माँगा गया। उन्होंने कहा कि मीडिया भी जानता है कि चुनाव आयोग किसके साथ खड़ा है।
गौरतलब है कि राहुल गांधी की मतदाता अधिकार यात्रा 17 अगस्त को बिहार के सासाराम से शुरू हुई थी। इस यात्रा में भारत ब्लॉक में शामिल राजद नेता तेजस्वी यादव समेत घटक दलों के तमाम नेता भी शामिल हैं। 16 दिनों की यह यात्रा लगभग 20 ज़िलों से होकर गुज़रेगी और 1,300 किलोमीटर की यात्रा पूरी करेगी। यात्रा का समापन 1 सितंबर को पटना में एक बड़ी रैली के साथ होगा।
अब इस यात्रा में विपक्ष के कई बड़े नेता भी शामिल हो रहे हैं। इस यात्रा में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जैसे नेता भी हिस्सा लेने वाले हैं, जिससे इसका प्रभाव और बढ़ने की संभावना है।
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