बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपी के सभी मंडलों में बनाई मुस्लिम भाईचारा कमेटी

खबर सार :-
बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी को मजबूत बनाने के लिए यूपी के हर मंडल में दो-दो सदस्यों की मुस्लिम भाईचारा कमेटी का गठन किया है। कमेटी के सदस्य मुस्लिम समाज में जाकर बैठक करेंगे और बसपा के चुनावी अभियान को मजबूती देंगे। मायावती ने कहा, बसपा ही वह पार्टी है जो संविधान निर्माता डा. अंबेडकर के आदर्शों पर चलकर समाज के वंचित वर्ग के दलित, आदिवासी, पिछड़े, मुस्लिम, अन्य अल्पसंख्यकों के अधिकारों व सम्मान की रक्षा के लिए संघर्षरत है।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपी के सभी मंडलों में बनाई मुस्लिम भाईचारा कमेटी
खबर विस्तार : -

लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को मुस्लिम भाईचारा संगठन के साथ बैठक की। बसपा मुखिया ने हर मंडल में दो-दो सदस्यों की मुस्लिम भाईचारा कमेटी बनाई है, जो मुस्लिम समाज में जाकर छोटी-छोटी बैठक करेंगे। उन्हें पार्टी से जोड़ेंगे और उन्हें सदस्य बनाएंगे।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को पार्टी के जनाधार को बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य के मंडल स्तरीय 'मुस्लिम समाज भाईचारा संगठन' की अलग से विशेष बैठक ली, जिसमें मुस्लिम समाज को बसपा से जोड़ने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए। उन्होंने यूपी के सभी 18 मंडलों में पार्टी के मिशनरी लोगों पर आधारित 2-सदस्यीय मुस्लिम भाईचारा संगठन का गठन किया है, जो मुस्लिम समाज में जाकर तथा उनकी छोटी-छोटी बैठकें करके बसपा में जोड़ने के साथ-साथ उन्हें पार्टी का सदस्य भी जरूर बनाएंगे।

 बसपा समाज के सभी वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए संघर्षरत 

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि बसपा जाति व धार्मिक द्वेष के आधार पर तोड़े, सताए व पछाड़े जा रहे लोगों के बीच आपसी भाईचारा के आधार पर उन्हें जोड़ने के लिए समर्पित-कटिबद्ध है। बिना किसी भेदभाव के सभी के जानमाल व मजहब की सुरक्षा तथा रोजी-रोटी सहित सम्मान के साथ उन्हें जीने का संवैधानिक हक मिले। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज की एकजुटता के साथ, सपा व कांग्रेस के बजाय, बसपा को सीधे ही समर्थन करना जरूरी है ताकि भाजपा की घातक राजनीति को चुनाव में हराया जा सके।

मुस्लिम समाज के एकतरफा समर्थन व वोट देने के बावजूद सपा-भाजपा को हराने में विफल रही, यह चुनावी अनुभव से है। मायावती ने कहा कि बसपा ही वह पार्टी है जो संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर के आदर्शों पर चलकर समाज के सभी वंचित वर्गों—दलित, आदिवासी, पिछड़े, मुस्लिम, और अन्य अल्पसंख्यकों—के अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए संघर्षरत है। 

समाज में 'कानून द्वारा कानून का राज' स्थापित करना लक्ष्य 

मायावती ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे गांव-गांव जाकर मुस्लिम समाज के बीच पार्टी की नीतियों को समझाएं और बताएं कि बीएसपी ही वह राजनीतिक ताकत है जो सबको समान अवसर और सम्मान देने की गारंटी देती है। बैठक में यह भी तय हुआ कि सभी जिलाध्यक्ष, मंडल प्रभारी और संगठन के पदाधिकारी आगामी विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) के तहत सक्रिय भागीदारी करें।

मायावती ने निर्देश दिया कि प्रत्येक समर्थक का नाम मतदाता सूची में दर्ज कराया जाए ताकि कोई भी पात्र मतदाता मतदान से वंचित न रहे। मायावती ने कहा कि बीएसपी का लक्ष्य सत्ता प्राप्त कर समाज में 'कानून द्वारा कानून का राज' स्थापित करना है, जिससे हर वर्ग को न्याय, सुरक्षा, रोजगार और खुशहाल जीवन मिल सके। बीएसपी का संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक समाज के हर व्यक्ति को समान अधिकार और सम्मान नहीं मिल जाता।
 

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