चाचा को रास नहीं आ रहा भतीजा! बाहर कर दी दिल की बात

खबर सार :-
जब बुजुर्ग पवार से सवाल किया गया कि क्या एनसीपी के दोनों गुट एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे? (एनसीपी) के पूर्व नेता ने अंदर की बात बाहर कर दी। साफ कर दिया कि उनकी पार्टी उन लोगों के साथ नहीं होगी।

चाचा को रास नहीं आ रहा भतीजा! बाहर कर दी दिल की बात
खबर विस्तार : -

मुंबई, महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों तड़का लग चुका है। यह तड़का शरद पवार ने अपनी कथनी बदल कर लगाया है। उन्होंने अपने भतीजे के साथ गठबंधन करने से इंकार कर है। भतीजा कौन? अजित पवार। उन्होंने अजित पवार को अवसरवादी कहा है। दरअसल, महाराष्ट्र निकाय चुनावों के लिए चाचा और भतीजा दोनों अपने प्रत्याषी उतारना चाह रहे थे। लेकिन अचानक शरद पवार का एक बयान भी सामने आया, इसमें उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी आगामी चुनावों में गठबंधन कर सकती है।

बता दें कि मुंबई में चर्चाएं तेज हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी इन दिनों (एनसीपी) के दोनों गुटों शरद पवार और अजित पवार अब खुलकर निकाय चुनाव की तैयारियों में व्यस्त हैं। कुछ लोग तो विलय पर भी सवाल उठाने लगे, लेकिन इन अटकलों को एनसीपी (शरद पवार गुट) के प्रमुख शरद पवार ने सिरे से खारिज कर दिया। शरद पवार ने कहा कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में समान विचार धारा वालों के साथ ही गठबंधन करेंगे। चाचा यानी शरद पवार को भतीजा अजित पवार की विचारधारा अब रास नहीं आ रही। यद्यपि दोनों नेता एक साथ काम भी कर चुके हैं। चाचा कहते हैं कि समान विचारधारा यानी गांधी, नेहरू, फुले, शाहू और आंबेडकर की विचारधारा वालों के साथ चुनाव लड़ सकते हैं। 

दो दिन पहले की राय अचानक बदल गई? मीडिया को भी इसमें बहुत कुछ मिल गया। शरद पवार कहते हैं कि अब पार्टी में निर्णय लेने का काम सुप्रिया (सुनील) के पास है। पवार एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। अपने भाषण में उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की। कहा कि उन लोगों की परवाह नहीं करनी चाहिए जो हमें छोड़ गए। पवार ने कहा कि 1980 में हमारे पास 70 विधायक थे। तब में लंदन से एक कार्यक्रम से लौट कर आया और छह विधायक ही मेरे पास बचे थे। मैं किसी के जाने आने की परवाह नहीं करता।
 

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