अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर तेज हुई औवैसी-रिजिजू में जुबानी जंग

खबर सार :-
एक पोस्ट में ओवैसी ने पलटवार किया कि अगर हम पलायन नहीं करते हैं तो इसका मतलब है कि हम सभी खुश हैं। अंग्रेज, भारत विभाजन का जिक्र करते हुए कहा कि हम भागते नहीं हैं। जब अंग्रेज थे, तब नहीं भागे और भारत विभाजन के समय भी नहीं भागे।

अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर तेज हुई औवैसी-रिजिजू में जुबानी जंग
खबर विस्तार : -

लखनऊ, एआईएमआईएम अध्यक्ष को केंद्रीय संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री रिजिजू ने जवाब दिया है। उन्होंने ’एक्स’ पर एक पोस्ट किया है। इसमें कहा, ‘ठीक है... हमारे पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक भारत आना क्यों पसंद करते हैं। आगे कहा कि हमारे अल्पसंख्यक पलायन क्यों नहीं करते हैं? रिजिजू ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कल्याणकारी योजनाएं किसी खास के लिए नहीं, यह सभी के लिए हैं। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की योजनाएं अल्पसंख्यकों को ज्यादा लाभ देती हैं।

ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने पिछले दिन अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कहा कि ’भारत में अल्पसंख्यकों की हैसियत दूसरे दर्जे के नागरिकों से घटकर बंधक जैसी हो गई है। रिजिजू के पोस्ट को टैग करते हुए ओवैसी ने लिखा कि ’आप भारत गणराज्य के मंत्री हैं, कोई राजा नहीं। आप एक संवैधानिक पद पर हैं। अल्पसंख्यकों के अधिकार कोई खैरात नहीं हैं। एआईएमआईएम प्रमुख ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर पहले से ही मोर्चा खोल रखा है। वह रिजिजू पर हमला बोल चुके हैं।

उन्होंने पूछा कि क्या मुसलमान हिंदू बंदोबस्ती बोर्ड के सदस्य हो सकते हैं। उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर कई आरोप लगाए और उनमें से कुछ योजनाओं के बंद होने पर कारण पूछा। इनमें मौलाना आज़ाद नेशनल फ़ेलोशिप को ‘बंद’ करने, 10वीं पूर्व की छात्रवृत्ति का वित्तपोषण के अलावा 10वीं बाद की छात्रवृत्ति आदि पर तमाम सवाल उठाए। ओवैसी ने सवाल पूछा कि मुसलमानों की संख्या अब उच्च शिक्षा में क्यों घटी है। बहुसंख्यक समुदाय को मिलने वाली सुविधाओं से ज्यादा की मांग हम नहीं कर रहे हैं। ओवैसी ने कहा कि हम संविधान के तहत ही मांग करते हैं।

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