ममता बनर्जी ने कहा- तोड़-मरोड़कर पेश की गई मेरी बात, हिंदी भाषियों पर दिया था ये बयान

खबर सार :-
ममता बनर्जी के भवानीपुर में दिए गए बयान पर बवाल मच गया है। इन सबके बीच ममता बनर्जी ने अपने बयान को लेकर एक स्पष्टीकरण दिया है कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने बयान में किसी विशेष समुदाय या निवासियों को टार्गेट नहीं किया था।

ममता बनर्जी ने कहा- तोड़-मरोड़कर पेश की गई मेरी बात, हिंदी भाषियों पर दिया था ये बयान
खबर विस्तार : -

कोलकाताः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि भवानीपुर में "बाहरी लोगों" वाले उनके बयान का गलत मतलब निकाला जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने "बाहरी" शब्द का इस्तेमाल किसी समुदाय या इलाके के निवासियों के लिए नहीं, बल्कि एक खास राजनीतिक दल के लिए किया था जो चुनावों के दौरान बाहरी लोगों को लाकर मतदाता सूची में नाम जुड़वाने की कोशिश करता है।

कहा- राजनीति दल पर साधा था निशाना

मुख्यमंत्री ने यह बयान शुक्रवार शाम कोलकाता के गिरीश पार्क में काली पूजा के उद्घाटन समारोह के दौरान दिया। उन्होंने कहा, "मेरे शब्दों का गलत मतलब निकाला जा रहा है। मैंने यहाँ रहने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए 'बाहरी' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। मैं उस राजनीतिक दल की बात कर रही थी जो चुनावों के दौरान बाहर से लोगों को लाता है और हमारे मतदाताओं के नामों के आगे नाम जोड़ देता है ताकि हमारे अपने मतदाता वोट न दे सकें।"

ममता ने आरोप लगाया कि चुनावों के दौरान कई बाहरी लोग भवानीपुर में रहने के लिए होटल और गेस्ट हाउस किराए पर लेते हैं, जबकि कुछ अमीर लोग फ्लैट खरीदकर वहाँ अस्थायी रूप से बस जाते हैं। उन्होंने सवाल किया, "एक ही व्यक्ति का नाम दो जगहों की मतदाता सूची में कैसे हो सकता है?"

ममता बनर्जी ने क्या दिया था बयान

गौरतलब है कि मंगलवार को भवानीपुर में तृणमूल कांग्रेस का विजय सम्मेलन आयोजित था, लेकिन ममता बनर्जी दार्जिलिंग में होने के कारण उसमें शामिल नहीं हो पाईं। पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को फ़ोन पर संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि "भवानीपुर पूरी तरह से बाहरी लोगों से भर रहा है।" इस बयान को भाजपा ने खूब शेयर किया और इसे भवानीपुर में बड़ी संख्या में रहने वाले हिंदीभाषी और गुजराती समुदायों के ख़िलाफ़ बताया जा रहा है।

शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने इस बयान पर सफाई देते हुए कहा कि वह उस दिन अपने पार्षदों को डाँट रही थीं। उन्होंने कहा, "मैं अपने पार्षदों से कह रही थी कि वे ग़रीबों की झुग्गियों को ज़बरदस्ती न तोड़ें। ग़रीबों का वहाँ रहना कोई अपराध नहीं है। लेकिन अगर कोई ज़मीन ख़रीदकर ग़रीबों को विस्थापित करता है, तो यह ग़लत है। हमें बंगाल आवास योजना के तहत ग़रीबों को घर देने में कोई आपत्ति नहीं है।"

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, "यहाँ के निवासी मेरे अपने हैं। मैं उनसे प्यार करती हूँ और उनके कार्यक्रमों में शामिल होती हूँ।" उन्होंने पार्षदों को आगाह किया कि वे शहर में नालियों की सफाई और जल निकासी की स्थिति पर विशेष ध्यान दें, क्योंकि हाल ही में हुई बारिश के बाद कई बहुमंजिला इमारतों में पानी घुस गया है।

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