चुनाव आयोग की सख्त चेतावनी: एआई आधारित भ्रामक प्रचार से दूर रहें राजनीतिक दल

खबर सार :-
चुनाव आयोग ने चुनावी प्रचार में एआई आधारित 'डीप फेक' और भ्रामक वीडियो के उपयोग पर गहरी चिंता जताई है और सभी राजनीतिक दलों को सख्त चेतावनी दी है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि डिजिटल माध्यमों पर भी आदर्श आचार संहिता लागू है। उल्लंघन की स्थिति में कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता बनी रहे।

चुनाव आयोग की सख्त चेतावनी: एआई आधारित भ्रामक प्रचार से दूर रहें राजनीतिक दल
खबर विस्तार : -

Election 2025: देश में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग लगातार कदम उठा रहा है। बिहार विधानसभा चुनाव और सात राज्यों की आठ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा के साथ ही 6 अक्टूबर से इन चुनावी राज्यों में आदर्श आचार संहिता (MCC) लागू हो चुकी है। इसी क्रम में चुनाव आयोग ने एक अहम दिशा-निर्देश जारी करते हुए सभी राजनीतिक दलों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के माध्यम से फैलाई जा रही भ्रामक जानकारियों से दूर रहने की चेतावनी दी है।

डिजिटल युग में बदले प्रचार के साधन

आयोग ने कहा है कि डिजिटल युग में प्रचार के साधन बदल चुके हैं, लेकिन आचार संहिता के नियम डिजिटल माध्यमों पर भी उतनी ही सख्ती से लागू होते हैं जितने जमीनी प्रचार में। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर चल रहे अभियान, पोस्ट, वीडियो और कंटेंट पर बारीकी से नजर रखी जा रही है और किसी भी तरह की गलत, झूठी या भ्रामक जानकारी, विशेषकर एआई टूल्स द्वारा तैयार 'डीप फेक' वीडियो, को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सोशल मीडिया पर पोस्ट करते समय बरतें सावधानी

आयोग ने विशेष रूप से राजनीतिक दलों, उनके प्रवक्ताओं, स्टार प्रचारकों और उम्मीदवारों से अपील की है कि वे डिजिटल रूप से बदले गए किसी भी कंटेंट को पोस्ट करते समय यह स्पष्ट रूप से उल्लेख करें कि वह 'एआई-जेनरेटेड', 'डिजिटली एनहांस्ड' या 'सिंथेटिक कंटेंट' है। इसका उद्देश्य जनता को भ्रम से बचाना है। चुनाव आयोग ने यह भी दोहराया कि किसी भी प्रत्याशी या दल के खिलाफ केवल उनकी नीतियों, कार्यों और रिकॉर्ड पर आधारित आलोचना की जानी चाहिए, न कि उनके व्यक्तिगत जीवन पर कोई टिप्पणी। साथ ही, बिना प्रमाण के किसी भी प्रकार का आरोप लगाना या जानबूझकर गलत जानकारी फैलाना चुनाव नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।

सोशल मीडिया निगरानी तंत्र पहले से अधिक मजबूत

वर्तमान परिदृश्य में जहां एआई तकनीक तेजी से विकसित हो रही है, आयोग ने इस बात पर जोर दिया कि तकनीक का इस्तेमाल जिम्मेदारी से किया जाना चाहिए। सोशल मीडिया निगरानी तंत्र को पहले से अधिक मजबूत किया गया है और हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। आयोग ने चेतावनी दी है कि यदि किसी भी पार्टी या उम्मीदवार द्वारा इन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया गया तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस कदम का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि चुनाव निष्पक्ष, पारदर्शी और लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप हों।

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