आतंकवाद के खिलाफ आवाज बुलंद करेगा भारत : राजनाथ सिंह

खबर सार :-
आपरेशन सिंदूर के बाद भारत के राजनीतिक दलों के लोगों ने कई देशों में आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का पक्ष रखा। वर्तमान समय में देश में आतंकवाद के मसले पर बड़ी बहस चल रही है।

आतंकवाद के खिलाफ आवाज बुलंद करेगा भारत : राजनाथ सिंह
खबर विस्तार : -

लखनऊ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का शंघाई सहयोग संगठन में भाग लेने के लिए चीन रवानगी लगभग पक्की है। श्री सिंह ने कहा कि वह वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए भारत के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करने के लिए चीन जाएंगे। राजनाथ सिंह आतंकवाद को खत्म करने के लिए संयुक्त और निरंतर प्रयासों का आह्वान भी करेंगे। विश्व के कई देश आतंकवाद की चपेट में हैं। भारत अभी हाल में ही पहलगाम में आतंकी हमले का सामना कर चुका है।

अभी संसद सत्र में भी यह मामला उछाला जा सकता है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने सीज फायर की बात कहकर भारत में नई बहस को हवा दे दी। यद्यपि प्रधानमंत्री नरेंदे मोदी इस मसले पर कह चुके हैं कि आतंकवाद के मसले ंपर भारत सीधे आक्रमणक करेगां। इसमें किसी का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। ऐसी ही मसलों को चीन में भी उठाया जा सकता है। इसीलिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपना मुद्दा तैयार कर लिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चीन में भारत का पक्ष रखेंगे।

रक्षा मंत्रियों के साथ बात करने का अवसर मिलेगा

जानकारी के अनुसार, चीन के क़िंगदाओ में 25-26 जून को होने वाली शंघाई सहयोग संगठन के रक्षा मंत्रियों की बैठक में पहुंचने के लिए आमंत्रित थे। यात्रा से पहले उन्होंने कहा कि वह वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए भारत के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करने तथा आतंकवाद के खात्मे के लिए संयुक्त और निरंतर प्रयासों का आह्वान करने जा रहे हैं। एक्स पर साझा किए गए एक बयान में राजनाथ सिंह ने कहा कि आज, 25 जून को, मैं क़िंगदाओ जाऊंगा। उन्होंने कहा कि मुझे विभिन्न रक्षा मंत्रियों के साथ बातचीत करने का अवसर मिलेगा। इसमें तमाम मुद्दे होंगे। रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि रक्षा मंत्री एससीओ के सिद्धांतों की निरंतर प्रतिबद्धता को उजागर करेंगे। मंत्रालय की ओर से कहा या है कि भारत क्षेत्र में बहुपक्षवाद, राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक और लोगों के बीच आपसी संपर्क को बढ़ावा देने में एससीओ को विशेष महत्व देता है। ससीओ 2001 में स्थापित एक अंतर-सरकारी संगठन है। भारत 2017 में इसका सदस्य बना। इसके बाद 2023 में अध्यक्षता ग्रहण की। कजाकिस्तान, भारत के अलावा चीन, किर्गिज़स्तान, पाकिस्तान, रूस , ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान और बेलारूस इसके सदस्य हैं। 
 

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